मणिपुर के उग्रवादी संगठन ZUF और केंद्र के बीच शांति समझौता, सीएम बीरेन सिंह की मौजूदगी में कमेटी भी बनाई
Manipur: उग्रवादी संगठन जेलियानग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (Zeliangrong United Front) से भारत सरकार का मणिपुर में शांति को लेकर समझौता हुआ.
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Cessation of Operation Agreement: भारत सरकार की पहल पर एक दशक से भी अधिक समय से सक्रिय उग्रवादी संगठन जेलियानग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट (Zeliangrong United Front) के साथ मंगलवार (27 दिसंबर) में दिल्ली में ऑपरेशन समाप्ति शांति समझौता हुआ. मणिपुर में शांति प्रक्रिया को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा. यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी.
ऑपरेशन समाप्ति शांति समझौता पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की उपस्थिति में ZUF के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए. प्रतिनिधियों ने हिंसा छोड़ने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त की. एक कमेटी का भी गठन किया गया, जो सभी पहलुओं का अध्यन करेगी और ZUF के विकास के लिए काम करेगी.
गृह मंत्रालय ने क्या कहा?
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शांतिपूर्ण और समृद्ध उत्तर-पूर्व क्षेत्र की परिकल्पना को साकार करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी उत्तर-पूर्व राज्यों से निरंतर संवाद किया. इसके नतीजतन अधिकांश उग्रवादी समूहों ने देश के संविधान में विश्वास जताते हुए हथियार डाले. पिछले कुछ वर्षों में लगभग 7000 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है.
हाल ही में हुए अहम समझौते
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मार्च 2022 में प्रेस रिलीज जारी कर बताया था कि जनवरी, 2020 का बोडो समझौता जिसने असम की 5 दशक पुरानी बोडो समस्या का समाधान किया है.
- करबी-आंगलांग समझौता 04 सितंबर, 2021 को हुआ, जिसने लंबे समय से चल रहे असम के करबी क्षेत्र के विवाद को हल किया है.
- त्रिपुरा में उग्रवादियों को समाज की मुख्य धारा में लाने के लिए अगस्त 2019 में NLFT(SD) समझौता किया गया.
- असम और मेघालय राज्यों की सीमा के संदर्भ में एक और महत्वपूर्ण समझौता 29 मार्च, 2022 को हुआ.
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