नई दिल्ली: अगर कोई कोरोना वायरस से संक्रमित है और उसकी हालत गंभीर नहीं है और इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाना चाहते तो अब अस्पताल घर आ सकता है. दिल्ली और मुंबई में कुछ हेल्थ सर्विस एजेंसी ऑक्सीजन और वेंटिलेटर से लेकर नर्स की 24 घंटे की सुविधा घर पर मुहैया करवा रही है तो, वहीं कुछ अस्पताल होम आइसोलेशन के दौरान नर्स और डॉक्टर से संपर्क करने की सुविधा दे रहे हैं.


ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, बाइपाप, कार्डिएक मॉनिटर, सैनिटाइजर, पीपीई किट, एन-95 मास्क, थर्मामीटर और ऑक्सीजन मास्क आम तौर पर ये सभी मेडिकल इक्विपमेंट अस्पताल में होते हैं, लेकिन अब ये लोगों के घर में भी लग रहे हैं. अस्पतालों में बेड की कमी के बीच अब अस्पताल आपके घर आ सकता है.


इन मशीन का पूरा सेटअप आपके घर में लग जाता है और संक्रमित व्यक्ति की देखरेख के लिए चौबीसों घंटे नर्स मौजूद रहेंगी और डॉक्टर टेली कंसल्टिंग के ज़रिए हालात पर नजर रखेंगे. वहीं, इसकी पूरी जानकारी एक ऐप पर अपडेट होती रहेगी.


दिल्ली एनसीआर और मुंबई में इस तरह की सुविधा शुरू हो चुकी है. वहीं, अब तक कई लोग इस सुविधा को अपना रहे हैं. खासकर वो जिन्हें अभी लक्षण नहीं हैं या हल्के लक्षण हैं. दिल्ली और मुंबई में अभी तक 200 से ज्यादा लोग ये सुविधा ले रहे हैं.


एचडीयू हैल्थ केयर के डॉ दीक्षित ठाकुर कहते हैं, "केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश पर पॉजिटिव आने पर होम आइसोलेशन में रह सकते हैं. ऐसे में उसे जो अस्पताल में जाने की जरूरत नहीं है, हम घर में ही उनका ध्यान रखते हैं. उनके लिए खास 24 घंटे नर्स, टेली कंसल्टेशन और जरूरी इक्विपमेंट देते हैं. वहीं, उनकी हालत पर नजर रखते है.’’


फिलहाल ये सुविधा माइल्ड और मॉडरेट कैटेगरी के मरीजों के लिए दी जा रही है. पूरी फैमिली को मोटिवेट करने के लिए साइको काउंसलिंग भी करते हैं. वहीं, इसके लिए अलग अलग पैकेज हैं.


- एक परिवार में एक से तीन व्यक्तियों के प्रति दिन के 10 हजार रुपये लगते हैं.


- वहीं एक ही परिवार के चार या पांच संक्रमित व्यक्तियों के लिए 15 हजार प्रति दिन चार्ज किया जाता है.


- इसमें 24 घंटे नर्स की सुविधा होगी.


-दिन में दो बार डॉक्टर के साथ टेली कंसल्टेशन


-ऑक्सीजन कॉन्संट्रेट, ऑक्सीजन सिलिंडर, बाइपाप, कार्डिएक मॉनिटर, सैनिटाइजर, पीपीई किट, एन-95 मास्क, थर्मामीटर और ऑक्सीजन मास्क, ग्लव्ज दिए जाते हैं.


- पकेज कम से कम 7 दिनों का होता है.


एचडीयू हैल्थ केयर के सीईओ अम्बरीष मिश्रा ने कहा, "हमारी ये सुविधा कई लोग दिल्ली और मुंबई में ले रहे हैं. वहीं इसके लिए हमारे पास 280 ट्रेंड नर्स हैं और डॉक्टर की टीम है. वहीं, हम सारे वो इक्विपमेंट देते हैं, जिसकी उस मरीज को जरूरत होती है.’’


यानी एक तरह से अस्पताल न जाकर भी अस्पलात की सविधा होती है. मरीज़ से सुबह-शाम डॉक्टर बात करते हैं. एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाते हैं, जिसमें फैमिली मेंबर होते हैं और हर दो घंटे पर उनके ज़रिए भी जानकारी मिलती रहती है. वहीं तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टरों की सलाह पर इक्विपमेंट से मरीज का इलाज होता है. ज्यादा क्रिटिकल होने पर अस्पताल में एडमिट कराया जाता है.


डॉ दीक्षित ठाकुर कहते हैं, "हम लगातार मरीज की तबीयत पर नजर रखते हैं, लेकिन जब तबीयत खराब होती है तो जो इक्विपमेंट है उसे ठीक करने की कोशिश करते हैं. वहीं ज्यादा खराब होने पर उस मरीज को सही सलामत अस्पताल पहुंचाते हैं.


वहीं कुछ बड़े निजी अस्पतालों ने भी होम ट्रीटमेंट जैसी सुविधा शुरू की है. यानी बिना लक्षण वाले और हल्के लक्षण वाले मरीजों को घर में आइसोलेट रह सकते हैं और उनका इलाज घर पर ही होगा और वह भी बकायदा केंद्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देश अनुसार होगा.


मैक्स हॉस्पिटल, फोर्टिस हॉस्पिटल और मेदांता मेडिसिटी जैसे कुछ अस्पतालों ने कोरोना संक्रमित मरीज जो कि एसिंप्टोमैटिक यानी वो मरीज जिन्हें लक्षण अभी नहीं आए हैं या लक्षण हल्के हैं उन्हें घर पर ही इलाज देने की सुविधा शुरू की है. इस दौरान अस्पताल जैसी सुविधा वह अपने घर बैठे पा सकते हैं.


इसमें ना सिर्फ मरीज को दूर से मॉनिटर किया जाता है, बल्कि उनकी दवा से लेकर खाने पर भी ध्यान दिया जाता. वहीं अगर किसी को डायबिटीज या बीपी जैसी शिकायत है या उसकी तबीयत खराब हो रही है तो उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती भी कराया जाएगा. ये सुविधा कोई भी ले सकता है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद और डॉक्टर की सलाह पर आप ये होम आइसोलेशन सर्विस इन अस्पतालों से ले सकते हैं. हर अस्पताल इसके लिए अलग अलग चार्ज कर रहे हैं


होम आइसोलेशन की मुख्य बातें


-इसमें मरीज को एक ऐप डाउनलोड करना होगा जिसमें वो टेंपरेचर, हार्ट रेट,  रेस्पिरेट्री रेट, नय लक्षण जैसी चीजों की जानकारी इसमें भरनी होगी जो डॉक्टरों द्वारा मॉनिटर की जाती है.


-डॉक्टर और नर्स द्वारा रोजाना टेलीकंसल्टेशन की सुविधा.


- कौन सी दवाई लेनी है इसकी जानकारी और दवाइयों की होम डिलीवरी.


- होम आइसोलेशन के नियम और कैसे रहना है इसकी जानकारी.


- डाइटिशियन द्वारा खाना तय करना.


- इस दौरान मनोचिकित्सक से कंसल्टेशन.


- होम आइसोलेशन किट जिसमें हैंड सैनिटाइजर, ग्लव्ज,  ऑक्सीमीटर, टेंपरेचर की जांच के लिए थर्मामीटर, डिस्पोजेबल नैपकिंस, मास्क इस तरह की चीजें होती हैं.


- वहीं इस होम आइसोलेशन पीरियड के दौरान टेस्टिंग की सुविधा भी उपलब्ध होती है जो कि आईसीएमआर द्वारा दिए गए आदेश निर्देश अनुसार होगी.


- लक्षण बढ़ने या तबीयत खराब होनेपर अस्पताल में डॉक्टर से कंसल्ट और एडमिट करने की सुविधा भी है. एडमिट होने पर अलग चार्ज होगा.


अलग अलग अस्पताल कई पैकेज दे रहे हैं


-फोर्टिस की ये सुविधा फिलहाल गुरुग्राम और मुंबई में है, जिसमें 17 दिन के लिए आपको छह हजार रुपये देने होंगे.


-अपोलो 14 दिनों के लिए 4200 रुपये ले रहा है.


-मेदांता 15 दिनों का 4900 रुपये चार्ज कर रहा है. इसके अलावा तीन तरह के पैकेज और हैं, जिसकी कीमत अलग-अलग है.


- मैक्स दिल्ली एनसीआर में बीपी मशीन के साथ 15 दिनों के लिए सात हजार रुपये चार्ज कर रहा है.


दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स की इंटरनल मेडिसिन की डायरेक्टर मोनिका महाजन कहती हैं, "इस फैसिलिटी के अंदर आपको कुछ सामना दिया जाता है. जैसे थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और बीपी की मशीन. नर्स सुबह शाम आपके साथ संपर्क में रहेंगी. आपसे हालचाल लेंगी और डॉक्टर को देंगी.’’


डॉक्टरों और कई जानकारों का मानना है की ज्यादातर मरीज संक्रमित हैं, लेकिन हल्के लक्षण हैं या लक्षण नहीं हैं. वहीं 80 फीसदी मरीजों को बेड की जरूरत नहीं होती है. इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने होम आइसोलेशन को लेकर पहले ही दिशा निर्देश जारी कर दिए थे. ऐसे में ये सुविधा न सिर्फ स्वास्थ्य सुविधा पर दबाव कम करेगी बल्कि, होम आइसोलेशन वाले मरीजों को भी घर में अच्छा इलाज मिलेगा. फिलहाल ये सुविधा कुछ अस्पताल में है और सीमित जगहों पर है.