Mann Ki Baat Conclave: अमित शाह ने इंदिरा गांधी को कहा तानाशाह, मन की बात कॉन्क्लेव में बोले- 'किसी एपिसोड में नहीं की राजनीति की बात'
Mann Ki Baat: पीएम मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम के 100 एपिसोड पूरे होने के अवसर पर बुधवार को 'मन की बात@100' पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया.
Amit Shah In Mann Ki Baat Conclave: पीएम मोदी (PM Modi) के 'मन की बात@100' पर दिल्ली में हो रहे राष्ट्रीय कॉन्क्लेव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार (26 अप्रैल) को एक स्मारक सिक्का जारी किया. उन्होंने इस दौरान अपने संबोधन में कहा कि ये मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण पल है. मुझे सिक्का और डाक टिकट जारी करने के मौका दिया गया. आज अद्भुत प्रयोग के जरिए हमारे नेता के कार्यक्रम के सौ एपिसोड पूरा होने का अवसर है. उन्होंने एक भी एपिसोड में राजनीति की बात नहीं की.
अमित शाह ने कहा कि लोकतंत्र के अंदर जनसंवाद के अनेक माध्यम होते हैं और पीएम मोदी ने आकाशवाणी को जनसंवाद के लिए चुना. मैं बचपन से आकाशवाणी का बड़ा प्रशंसक रहा हूं. मैंने कई महत्वपूर्ण बातें आकाशवाणी पर सुनी हैं. बांग्लादेश पर भारत की विजय को मैंने आकाशवाणी पर सुना है. आपातकाल के बाद, एक तानाशाह की पराजय को सुबह 5 बजे आकाशवाणी के बुलेटिन पर सुना कि इंदिरा गांधी पराजित हो गई हैं.
"आज सिर्फ परफार्मेंस ही मापदंड है"
गृह मंत्री ने आगे कहा कि देश की शक्ति को संगठित करने का काम इस प्लेटफॉर्म के जरिए किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे लोकतंत्र में 2 बड़े योगदान किए हैं. एक, उन्होंने लोकतांत्रिक व्यवस्था को जातिवाद, परिवारवाद और तुष्टिकरण से मुक्त किया है. दूसरा, उन्होंने पद्म पुरस्कारों का लोकतंत्रीकरण किया है. पहले पद्म पुरस्कार सिफारिश से मिलते थे. आज पद्म पुरस्कार छोटे से छोटे व्यक्ति लेकिन बड़ा योगदान करने वाले को दिया जाता है. आज सिर्फ परफार्मेंस ही मापदंड है, उससे लोकतंत्र को नई दिशा मिली.
"लोगों को पहचान दिलवाई"
उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिए समाज में छोटे छोटे प्रयोग करने वाले लोगों को पहचान दिलवाई. आकाशवाणी को पुनर्जीवित किया. पीएम मोदी ने व्यवहार से कम्युनिकेशन स्किल का बखूबी से इस्तेमाल किया. इतना परफेक्ट कम्युनिकेशन स्किल किसी नेता का नहीं देखा. मंडेला का रेडियो संदेश हो या फिर चर्चिल का रेडियो संदेश, कहीं न कहीं राजनीति था, लेकिन पीएम मोदी के 99 एपिसोड में कहीं राजनीति नहीं थी. मन की बात का पैन इंडिया प्रेजेंस भी है. भारत के हर जगह के लोगों ने कार्यक्रम को सुना.
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