नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्‍स) के दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता की. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सरकार साल 2024 तक हर संसदीय क्षेत्र में एक एम्स जैसा अस्पताल स्थापित करने जा रही है. उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि उन्हें देश में रहकर यहीं नागरिकों की सेवा करनी चाहिए.


शाह ने नए स्नातकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में वैश्विक तौर पर अग्रणी बनाने संबंधी अपने दृष्टिकोण के तहत युवा डॉक्टरों को एक विशेष मंच प्रदान किया है. उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी करने वाले डॉक्टरों को सलाह दी कि वे केवल अपनी आय अथवा पोस्टिंग के बारे में ही न सोचें, बल्कि भारत के लिए एक विश्‍वस्‍तरीय स्‍वास्‍थ्‍य सेवा व्‍यवस्‍था सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखें.


एम्स के 360° स्वास्थ्य सेवा माहौल पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि एम्स महज एक अस्पताल नहीं है बल्कि यह स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के क्षेत्र में एक संपूर्ण अनुसंधान, प्रशिक्षण एवं सेवा प्रदान करने वाला संस्थान है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई तमाम पहलों के कारण भारत आज स्‍वास्‍थ्‍य सेवा के क्षेत्र में काफी बदल चुका है. उन्होंने कहा कि अब उन पहलों को आगे बढ़ाने की ज़िम्‍मेदारी युवा डॉक्‍टरों की है. उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत के लिए एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रणाली की परिकल्पना की है और उसे लागू भी किया है.


शाह ने नए डॉक्टरों को सलाह दी कि वे इस बात को हमेशा याद रखें कि डॉक्टर मरीज़ो के लिए भगवान के समान है. उन्‍होंने जोर देकर कहा कि स्वास्थ्य सेवा पेशेवर समुदाय के लिए 'स्वयं से पहले सेवा' एक आवश्‍यक अवधारणा है. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को देश में अवश्‍य रुकना चाहिए और भारत में अनुसंधान को मज़बूती देते हुए देशवासियों की सेवा करनी चाहिए.


उन्होंने स्वामी विवेकानंद का उल्‍लेख करते हुए कहा कि ज्ञान का वास्‍तविक सार दूसरों की मदद करने में निहित है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने हमारी दृष्टि और सोच को बेहतर किया है और प्रत्‍येक डॉक्टर का लक्ष्‍य स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में भारत को ऊपर ले जाना होना चाहिए. शाह ने विश्वास जताया कि 2030 तक, भारत विश्व में स्वास्थ्य के हर पहलू, जैसे चिकित्सा, स्वास्थ्य शिक्षा, अनुसंधान, स्वास्थ्य आधार्भूत संरचना या उपचार और दवाओं की उपलब्धता में नंबर एक देश होगा.


स्वस्थ भारत के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण के चार घटकों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पहले हिस्से में फिट इंडिया, मिशन इंद्रधनुष और योग जैसे निवारक पहलू शामिल हैं. दूसरे चरण में 22 एम्स के रूप में स्वास्थ्य सेवा का प्रावधान और प्रत्येक राज्य में एक एम्स सुनिश्चित करना शामिल है. तीसरे चरण में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर सुनिश्चित करना है और इसके तहत, सरकार 2024 तक हर संसदीय क्षेत्र में एक मेडकिल कॉलेज की स्थापना की दिशा में काम कर रही है. चौथे चरण में आयुष्मान भारत और पीएमबीजेपी योजना जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं की संरचना शामिल है.


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