Flood Preparation: बाढ़-बारिश से नहीं होगा नुकसान, सरकार बना रही प्लान, गृह मंत्री अमित शाह ने की हाई-लेवल मीटिंग
Flood Management Meeting: देश में मानसून का आगमन हो चुका है. अभी दक्षिणी राज्यों में झमाझम बारिश हो रही है और मानसूनी बादल भी उत्तर भारत की ओर बढ़ने लगे हैं.
Amit Shah Meeting on Monsoon: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार (23 जून) को दिल्ली में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. इस बैठक में केंद्रीय जल शक्ति मंतरी सीआर पाटिल समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. मानसून के आगमन के साथ देश के कई राज्यों में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात पैदा हो जाते हैं. कुछ राज्यों में नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ भी आ जाती है. ऐसे में अभी से ही बाढ़ से निपटने का प्लान बन रहा है.
जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल के अलावा बैठक में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय, गृह मंत्रालयों और विभागों के सचिव, जल संसाधन, नदी विकास और नदी संरक्षण के अधिकारी भी शामिल हुए. इसके अलावा पृथ्वी विज्ञान विभाग; पर्यावरण, जंगल और जलवायु परिवर्तन; सड़क परिवहन एवं राजमार्ग के अधिकारी, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन, एनडीएमए के सदस्य, एनडीआरएफ और आईएमडी के डायरेक्टर जनरल और संबंधित मंत्रालयों और विभागों के अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया.
बाढ़ से बेहाल होते देश के ये राज्य
दरअसल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और कुछ अन्य पूर्वोत्तर राज्यों को भी मानसून के दौरान भूस्खलन और बारिश से संबंधित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हाल के वर्षों में तमिलनाडु, केरल और जम्मू-कश्मीर में भी बाढ़ देखी गई है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि इस समय असम बाढ़ से जूझ रहा है और 19 जिलों में करीब 3.90 लाख लोग प्रभावित हैं.
शनिवार को एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया कि असम में बाढ़ की स्थिति में मामूली सुधार हुआ है, क्योंकि प्रभावित लोगों और जिलों की संख्या में कमी आई है. हालांकि, बाढ़ की वजह से दो और मौतों की सूचना मिली है. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के बुलेटिन में कहा गया कि पिछले 24 घंटों में राज्य में दो मौतें हुई हैं, जिससे इस साल बाढ़, भूस्खलन और तूफान में मरने वालों की संख्या 39 हो गई है.
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