मानसून के मद्देनजर गृहमंत्री अमित शाह ने की फ्लड मैनेजमेंट की बैठक, दिए अहम निर्देश
इस साल मौसम विभाग ने संभावना जाहिर कि है कि सामान्य से अधिक मानसून रहेगा. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने निर्देश दिया कि फ्लड का इंतजार नहीं किया जाए बल्कि पहले ही नालों और दूसरी जगहों की सफाई कर ली जाए ताकि पानी जमा न हो सके.
नई दिल्ली: मानसून के मद्देनजर आने वाली बाढ़ की समस्या को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज गृह मंत्रालय में फ्लड मैनेजमेंट को लेकर बैठक की. बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सैटेलाइट के जरिए नदियों के किनारे हुए अतिक्रमण का पता लगाए जाए. साथ ही निर्देश दिया कि अतिक्रमण को हटाया जाए जिससे लोगों के जानमाल की रक्षा की जा सके. बैठक के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री ने अन्य निर्देश भी दिए.
ध्यान रहे कि अब मानसून सीजन शुरू होने वाला है और ऐसे में देश में इस साल मौसम विभाग ने सामान्य से अधिक मानसून रहने की आशंका भी जाहिर की है. मानसून के दौरान आम लोगों को किसी तरह की कोई जान माल की हानि न उठानी पड़े, साथ ही लोगों को बाढ़ से होने वाली अन्य दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज जल शक्ति मंत्रालय, मानसून विभाग और एनडीआरएफ समेत केंद्रीय गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की एक बैठक की.
जानकारी के मुताबिक केंद्रीय गृहमंत्री ने बैठक के दौरान निर्देश दिए कि फ्लड का इंतजार ना किया जाए बल्कि पहले से ही बड़े नालों और अन्य जगहों की सफाई कर ली जाए जिससे पानी एकत्र ना हो सके. गृहमंत्री ने तमाम अधिकारियों को सुझाव दिया कि मौसम विभाग का दामिनी एप बिजली गिरने से 3 घंटे पहले यह बता देता है कि बिजली कहां गिरने वाली है. लिहाजा सभी लोग इस एप का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें और इसकी जानकारियों का समुचित लाभ उठाएं.
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि यह भी देखा गया है कि नदियों के किनारे लोग बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कर लेते हैं और उसमें रहते भी हैं. उन्होंने कहा कि ऐसी जगहों की सैटेलाइट द्वारा पहचान की जाए और वहां से अतिक्रमण हटाया जाए जिससे लोगों को जान माल की हानि ना उठानी पड़े.
साथ ही उनका सुझाव था कि राज्यों की आपदा प्रबंधन बल और केंद्र का एनडीआरएफ एक मॉडल बनाकर काम करें जिससे आने वाली किसी भी समस्या से तत्काल निपटा जा सके. उन्होंने बैठक में मौजूद अधिकारियों से कहा कि यदि किसी भी राज्य को इस समस्या से बचाव के लिए किसी भी तरह की कोई मदद चाहिए तो वह तत्काल केंद्र सरकार को सूचित कर सकता है और उन्हें वह मदद भी मुहैया कराई जाएगी जिससे जान माल की हानि ना हो सके.
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