नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के कड़कड़डूमा में बनने जा रहे दिल्ली के पहले पूर्वी दिल्ली हब इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट योजना का शुभारंभ किया. योजना का शुभारंभ करते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा यह दिल्ली के विकास को एक नई गति प्रदान करेगा. गृहमंत्री अमित शाह ने पूर्वी दिल्‍ली के कड़कड़डूमा में दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के पहले स्मार्ट और ट्रांजिट ओरिएन्टेड डेवलपमेंट (टीओडी) प्रोजेक्ट का शिलान्‍यास करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक नई कार्य संस्कृति इस देश के सामने रखी है, अब जो सरकार भूमि पूजन करेगी वही उसका लोकार्पण भी करेगी.


इस दौरान केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, साांसद मनोज तिवारी वहां मौजूद रहे. करीब 30 हेक्टेयर में बनने वाले पूर्वी दिल्ली हब योजना को भारत सरकार की पीएसयू एनबीसीसी बनाएगी. इसकी लागत की बात करें तो यह करीब 1393 करोड़ में बनकर तैयार होगा. गृहमंत्री ने कहा कि लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने कहा था कि 2024 से पहले देश के हर घर के अंदर नल से शुद्ध पीने के पानी पहुंचाने का काम किया जाएगा और दिल्ली भी देश का हिस्सा है इसलिए राज्य सरकार जनता को गुमराह न करे.


केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के पहले स्मार्ट और ट्रांजिट ओरिएन्टेड डेवलपमेंट (टीओडी) प्रोजेक्ट के माध्यम से विकास का नया आयाम लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में एक के बाद एक कई परियोजनाओं का शुभारंभ किया जा रहा है. अमित शाह ने कहा कि सालों से अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे लोगों की समस्या का निवारण किया गया और 1731 अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को लाभ प्राप्त हो सका. गृह मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने यह तय किया है कि सभी अनधिकृत कॉलोनियों को अधिकृत कर वहां रहने वालों को अपने घर का मालिक बनाया जाए और ढृढ राजनीतिक इच्‍छाशक्ति का परिचय देते हुए संसद में बिल पास कराकर कानून बनाया.


क्या है योजना


सार्वजानिक क्षेत्र की एनबीसीसी को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से कड़कड़डूमा क्षेत्र में ‘पूर्वी दिल्ली हब’ के विकास के लिए 1,393 करोड़ रुपये का ठेका मिला है. एनबीसीसी और डीडीए ने इस बारे में 2015 में एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे. एनबीसीसी परियोजना की योजना, डिजाइनिंग और क्रियान्वयन एजेंसी के रूप में काम करेगी. इसके तहत एनबीसीसी पूरी परियोजना की मास्टर योजना तैयार करेगी और पहले फेज में करीब 1,600 आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जाएगा.


इसमें 1108 रेसिडेंशियल फ्लैट होंगे जबकि 522 ईडब्ल्यूएस कैटेगिरी के फ्लैट बनाये जाएंगे. करीब 30 हेक्टेयर क्षेत्र में तैयार की जा रही योजना में 70 फीसदी रेजिडेंशियल और 19.92 फीसदी एरिया में कमर्शियल प्रोजेक्ट होगा. इसके अलावा बाहरी बुनियादी सुविधाओं, बुनियादी ढांचा सेवाओं और अन्य विकास कार्यों को पूरा करेगी. परियोजना के पहले चरण के विकास की लागत अनुमानत: 1,393 करोड़ रुपये है.