अमित शाह ने किया 'साइबर अपराध समन्वय केंद्र' का उद्घाटन, ऑनलाइन क्राइम पर लगेगी लगाम
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र का शुक्रवार को उद्घाटन किया जो कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है.
![अमित शाह ने किया 'साइबर अपराध समन्वय केंद्र' का उद्घाटन, ऑनलाइन क्राइम पर लगेगी लगाम Home Minister Amit Shah innaugurates Indian Cyber Crime Co-ordination Centre अमित शाह ने किया 'साइबर अपराध समन्वय केंद्र' का उद्घाटन, ऑनलाइन क्राइम पर लगेगी लगाम](https://static.abplive.com/wp-content/uploads/sites/2/2020/01/10214356/3.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र का शुक्रवार को उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल भी राष्ट्र को समर्पित किया. अब तक, इस पोर्टल के साथ 700 से अधिक पुलिस जिले और 3,900 से अधिक पुलिस स्टेशन जुड़े हुए हैं. यह अत्याधुनिक केंद्र नई दिल्ली में स्थित है. सरकार की यह योजना महिलाओं, बच्चों, विशेष रूप से बाल पोर्नोग्राफी, बाल यौन शोषण सामग्री, रेप-गैंगरेप से संबंधित ऑनलाइन सामग्री आदि के खिलाफ अपराधों पर विशेष ध्यान देने के साथ सभी साइबर अपराधों को दर्ज करने में सक्षम बनाती है.
415.86 करोड़ रुपये के साथ अक्टूबर 2018 में यह योजना स्वीकृत की गई थी. यह योजना व्यापक और समन्वित तरीके से सभी प्रकार के साइबर अपराध से निपटने के लिए है. इस योजना के सात घटक हैं. जिसमें- नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, नेशनल साइबर क्राइम ट्रेनिंग सेंटर, साइबर क्राइम इकोसिस्टम मैनेजमेंट यूनिट, नेशनल साइबर क्राइम रिसर्च एंड इनोवेशन सेंटर, नेशनल साइबर क्राइम फॉरेंसिक लैबोरेट्री ईको सिस्टम और प्लेटफॉर्म फॉर ज्वाइंट साइबर अपराध जांच दल शामिल हैं.
केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहल पर, 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने संबंधित राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में क्षेत्रीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र स्थापित करने के लिए अपनी सहमति दी है. राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) एक नागरिक-केंद्रित पहल है जो पोर्टल के माध्यम से नागरिकों को साइबर अपराधों की ऑनलाइन रिपोर्ट करने में सक्षम बनाएगी.
सभी साइबर अपराध से संबंधित शिकायतों को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की संबंधित कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा कानून के अनुसार कार्रवाई करने के लिए एक्सेस उपलब्ध है. यह पोर्टल 30 अगस्त, 2019 को पायलट आधार पर शुरू किया गया था.
अब तक, इस पोर्टल के साथ 700 से अधिक पुलिस जिले और 3,900 से अधिक पुलिस स्टेशन जुड़े हुए हैं. सफल कार्यान्वयन के बाद, यह पोर्टल मामलों की जांच करने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता में सुधार कर सकता है और अभियोजन की सफलता में सुधार करेगा.
यह पोर्टल वित्तीय अपराधों और सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों जैसे कि स्टॉकिंग, साइबर बुलीइंग आदि जैसे अपराधों पर भी ध्यान केंद्रित करता है. पोर्टल एक समन्वित तरीके से साइबर अपराधों से निपटने के लिए विभिन्न राज्यों, जिलों और पुलिस स्टेशनों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय में और प्रभावी तरीके से सुधार करेगा.
गृह मंत्रालय के एक आला अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय एक व्यापक और समन्वित तरीके से साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक इको सिस्टम प्रदान करने और बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. भविष्य में, यह पोर्टल साइबर क्राइम की रोकथाम और पोर्टल पर घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए जनता को स्वचालित इंटरैक्टिव सहायता प्रणाली के लिए चैटबॉट प्रदान करेगा.
![IOI](https://cdn.abplive.com/images/IOA-countdown.png)
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)