नई दिल्ली: मोदी कैबिनेट ने एनआरसी-सीएए के खिलाफ जारी भारी हंगामे के बीच आज राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दी. विपक्षी पार्टियां सीएए और एनपीआर दोनों को एनआरसी से जोड़ रही हैं. इसके खिलाफ देश भर में प्रदर्शन हो रहे हैं. वहीं केंद्र सरकार का कहना है कि एनआरसी को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं. अब एनआरसी-सीएए और एनपीआर तीनों ही मुद्दों पर गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.


अमित शाह ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहा कि NPR और NRC के बीच कोई संबंध नहीं है. उन्होंने कहा, ''मैं आज स्पष्ट कर दूं कि NPR और NRC के बीच कोई संबंध नहीं है.''


अमित शाह ने एनआरसी को लेकर कहा, ''पूरे भारत में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (NRC) पर बहस करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि अभी इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. पीएम मोदी सही कह रहे हैं, इस पर अभी तक मंत्रिमंडल या संसद में कोई चर्चा नहीं हुई है.'' अमित शाह ने कहा, ''पार्टी के घोषणापत्र में एनआरसी है. जब एनआरसी आएगा तो छिपकर नहीं आएगा. अभी एनआरसी पर काम नहीं हो रहा है.''


बता दें कि पीएम मोदी ने दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली में कहा था कि एनआरसी को लेकर कोई बात नहीं हुई है. हालांकि विपक्षी दलों ने अपनी प्रतिक्रिया में अमित शाह के पुराने बयानों का जिक्र किया जिसमें उन्होंने एनआरसी पूरे देश में लागू करने की बात कही थी.






गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर कहा, ''ये किसी की भी नागरिकता लेने का प्रावधान नहीं है. यह नागरिकता देने का प्रावधान है. किसी को भी डरने की जरूरत नहीं है.'' उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को विपक्ष डरा रहा है.


अमित शाह ने कहा कि मैंने दोनों सदनों में कहा कि सीएए से भारत के किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है. सीएए के बाद कई जगह पर हिंसा हुई लेकिन जब लोगों तक पूरी जानकारी पहुंची तो वहां हिंसा नहीं हुई.


उन्होंने एनपीआर को लेकर कहा कि हमने इसके लिए एक एप बनाया है. इसमें किसी को भी कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं है. केवल आधार, मतदाता पहचान पत्र का नंबर देना होगा. 


गृह मंत्री ने कहा, ''NPR को लेकर कहीं पर भी देश के किसी भी नागरिक को मन में ये शंका लाने का कोई कारण नहीं है और खासकर अल्पसंख्यक भाई-बहनों को कि इसका उपयोग NRC बनाने के लिए होगा, इसका एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है. सिर्फ कोरी अफवाहें फैलाई जा रही हैं.''


अमित शाह ने कहा, ''एनपीआर डाटा से विकास का काम होगा. राज्य सरकार के अधिकारी ही एनपीआर का काम करेंगे.'' अमित शाह ने कहा, ''एनपीआर में किसी का नाम नहीं भी आया तो उससे उसकी नागरिकता नहीं जाएगी.''


असदुद्दीन ओवैसी को लेकर शाह ने कही ये बात
एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी द्वारा नागरिकता संशोधन कानून की आलोचना पर अमित शाह ने कहा, ''अगर हम कहें कि सूर्य पूर्व से उगता है तो ओवैसी जी कहेंगे कि सूर्य पश्चिम से उगता है. फिर भी मैं उन्हें फिर से विश्वास दिलाता हूं कि नागरिकता संशोधन कानून का NRC से कोई लेना-देना नहीं है.''


अमित शाह ने केरल और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा एनपीआर के लिए मना करने पर कहा, ''मैं विनम्रतापूर्वक दोनों मुख्यमंत्रियों से अपील करता हूं कि ऐसा कोई कदम न उठाएं और अपने फैसलों की समीक्षा करें. सिर्फ अपनी राजनीति के लिए गरीबों को विकास के कार्यक्रमों से दूर न रखें.''


डिटेंशन सेंटर को लेकर क्या बोले?
अमित शाह ने कहा, ''इस देश का एक कानून है. कोई भी अवैध नागरिक पकड़ा जाता है तो उसे पकड़कर डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है. डिटेंशन सेंटर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है. कोई माइग्रेंट जो बाहर से आया है वह पकड़ा जाता है तो उसे डिटेंशन सेंटर में रखा जाता है और उसे संबंधित देश में भेजा जाता है.''


अमित शाह ने ये भी कहा कि असम में जिन 19 लाख लोगों का नाम एनआरसी में नहीं आया तो उन्हें तो डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा गया. उन्होंने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि असम में एक डिटेंशन सेंटर बना है. मेरे हिसाब से एक ही है. मोदी सरकार के आने के बाद डिटेंशन सेंटर नहीं बना है. डिटेंशन सेंटर का एनआरसी-सीएए से कोई संबंध नहीं है.


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आपको बता दें कि माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी और असदुद्दीन ओवैसी ने एनपीआर और एनआरसी से जोड़ते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है. येचुरी ने कहा, ‘‘एनपीआर और एनआरसी एकसमान हैं. मोदी सरकार लोगों को गुमराह करने के लिये कितना झूठ बोलेगी. इस सरकार ने राज्यसभा में स्पष्ट रूप से कहा था कि एनपीआर मूल दस्तावेज होगा जिससे आधार पर एनआरसी का काम शुरु होगा.’’