नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के 73वें स्थापना दिवस समारोह में गृह मंत्री अमित शाह दिल्ली पुलिस के साथ खड़े नजर आए. अमित शाह ने देश के पहले गृह मंत्री और दिल्ली पुलिस के संस्थापक सरदार पटेल का नाम लेते हुए कहा कि एक बार सरदार पटेल ने कहा था, "कितने भी गुस्से की बात क्यों ना हो, लोगों का मिजाज कितना भी गर्म क्यों ना हो, तब भी दिल्ली पुलिस को मिजाज ठंडा रखना चाहिए. परंतु साथ ही साथ इस बात की भी चिंता करनी चाहिए कि उपद्रवियों से नागरिकों को किसी तरह की परेशानी ना हो और उपद्रवियों से सख्त हाथों से निपटकर नागरिकों की सुरक्षा दिल्ली पुलिस को करनी चाहिए."


गृह मंत्री अमित शाह का यह बयान तब आया है जब दिल्ली पुलिस की जामिया विश्वविद्यालय में छात्रों पर लाठीचार्ज को लेकर निंदा की जा रही है. अमित शाह ने दिल्ली पुलिस की तारीफ में कसीदे भी पढ़े. उन्होंने कहा कि अपने स्थापना दिवस से लेकर आज तक दिल्ली पुलिस में कई बड़े मौकों पर दुनिया भर के राष्ट्र अध्यक्षों की राजधानी में यात्रा पर और कई बार आतंकी हमलों से भी दिल्ली की सुरक्षा की है. कितना भी बड़ा उत्सव हो, कितना भी बड़ा आयोजन हो रहा हो दिल्ली पुलिस अपनी कुशलता से दिल्ली को आश्वस्त करती रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हमें समझना चाहिए कि पुलिस हमारी सुरक्षा के लिए है इसलिए केवल उसकी आलोचना या उपद्रवियों के द्वारा पुलिस को निशाना बनाना ठीक नहीं है. पुलिस के काम को भी समझना चाहिए.


अमित शाह ने कहा कि पुलिस शांति और सुरक्षा के लिए है. वह किसी की जाति या धर्म देखकर काम नहीं करती है बल्कि सबके शांति और सुरक्षा के लिए काम करती है इसलिए सदैव पुलिस का सम्मान किया जाना चाहिए. अमित शाह ने कहा कि मैं पूरे देशवासियों से अपील करता हूं कि जब भी दिल्ली आएं तो वे एक बार जरूर 31,000 उन पुलिसकर्मियों के सम्मान में पुलिस मेमोरियल जाएं जिन्होंने अपना बलिदान दिया. 1951 से लेकर आज तक दिल्ली पुलिस के 30 पुलिसकर्मी शहीद हुए हैं. इसमें संसद के हमले से लेकर आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ तक में दिल्ली पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं.


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