गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार की सुबह केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ बातचीत की. किसानों की तरफ से प्रदर्शन स्थल को शिफ्ट करने के बाद बातचीत के प्रस्ताव को किसानों की तरफ से खारिज किए जाने के बाद 24 घंटे में ऐसा दूसरी बार था जब गृह मंत्री की कृषि मंत्री के साथ बैठक हुई. पिछली रात को अमित शाह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नरेन्द्र तोमर के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बैठकर पूरी स्थिति पर चर्चा की थी. इधर, सोमवार की शाम को किसान संगठनों ने दिल्ली-हरियाणा स्थित सिंघु बॉर्डर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए वहां से हटने से इनकार कर दिया. आइये जानते है अब तक किसानों के प्रदर्शन को लेकर 10 बड़ी बातें:


1-वाराणसी में देव दीपावली के मौके पर पहुंचे पीएम मोदी ने कृषि संबंधी बिलों को किसानों के लिए बेहतर बताया. उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे किसानों के बीच बिना आधार भ्रम फैला रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि छोटे से छोटा किसान भी मंडी से बाहर हर सौदे को लेकर कानूनी कार्रवाई कर सकता है. यानी, किसानों को अब नए विकल्प मिले हैं और धोखे से उसे बचाने के लिए कानूनी संरक्षण भी मिला है. उन्होंने कहा कि नए विकल्प से ही कृषि क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है.


2- पीएम मोदी ने कहा कि MSP पर किसानों के साथ वर्षों तक छल किया गया. किसानों के नाम पर कर्जमाफी को लेकर छल किया गया. किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थी लेकिन वो पैसा पहुंचता ही नहीं था. उन्होंने कहा कि भ्रम को आधार बनाकर दुष्प्रचार फैलाया गया कि ऐसा हो सकता है, वैसा हो सकता है.


3- पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के बैंक खाते तक पैसे पहुंचे उसका हमने प्रबंध किया. उन्होंने कहा कि अगर दाल की पॉलिसी की बात करें तो 2014 से पहले के 5 सालों में 650 करोड़ की ही दाल MSP पर खरीदी गई थी, लेकिन हमने पांच सालों में करीब 49,000 करोड़ यानी करीब 50 हजार करोड़ की दालें एमएसपी पर खरीदी है. यानी, 75 गुणा की बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के पांच वर्षों के दौरान यानी यूपीए-2 के दौरान MSP की दरों पर 2 लाख करोड़ की धान की खराददारी की गई. जबकि, 2014 के बाद पांच वर्षों के दौरान 5 लाख करोड़ MSP पर धान की खराददारी की गई. पीएम ने कहा कि 2014 से पहले के पांच वर्षों के दौरान यूपीए-2 सरकार में किसानों को MSP रेट गेंहूं का मात्रा डेढ लाख करोड़ रुपये मिला, जबकि 2015 के बाद पांच वर्षों के दौरान तीन लाख करोड़ रूपये की MSP पर खरीद की गई, जो की दोगुनी है.


4-सिंघु बॉर्डर पर सोमवार को किसान संगठनों की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भारतीय किसान यूनियन (दकौंदा) के महासचिव जगमोहन सिंह ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह फोन पर बात कर रहे हैं, लेकिन उसमें कोई सच्चाई नहीं है. हमारे 30 संगठन की मीटिंग हुई, लेकिन मुंह में राम और बगल में छुरी जैसी हालत है. उन्होंने कहा कि ये पंजाब का संघर्ष नही है बल्कि ये सभी का संघर्ष है. जगमोहन अभी की जो स्थिति है हम जहां है वही रहंगे, और आगे कैसे बढ़ना है, आज देश के किसान अपने मन की बात सुनाने आए हैं.


5- स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने कहा कि किसान आज देश में अपनी छाप छोड़ने के लिए उठ खड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि इस आंदोलन ने 5 झूठ का पर्दाफाश किया है. पहला ये आंदोलन किसानों का नही है, आप खुद चेक करे. दूसरा- किसानों को बरगलाने का काम किया जा रहा है..किसानों को सब पता है 3- सिर्फ पंजाब का आंदोलन है. यहां सब बैठे है..देश के कोने कोने से...उत्तराखंड से आए है... पंजाब के किसानों ने शुरुआत सभी किसानों के लिए की है. 4- इसकी कोई लीडरशिप नही है...30 संगठनों का समूह है, इतनी अच्छी लीडरशिप मैंने कभी नही देखी. 30 किसान संगठन हर रोज मिल रहे है. क्लियर लीडर शिप है. और 5-पॉलिटिकल पार्टी ने करवाया, हरियाणा का किसान हमारे साथ है, ये आंदोलन ऐतिहासिक आंदोलन है.


6-केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने लगातार किसानों की तरफ से बनाए जा रहे दबाव के बीच कहा कि हमारे सीनियर नेताओं ने बातचीत के लिए किसानों को बुलाया है और वास्तविक मुद्दे को सुलझान के लिए तैयार है. पुरी ने आगे कहा- बाचतीत हमेशा बिना शर्त और पूर्वाग्रह को होती है. मुझे पूरा भरोसा है कि उनकी सभी जायज मांगों पर विचार किया जाएगा और मुद्दों का समाधान किया जाएगा.


7-शनिवार की सुबह टिकरी बॉर्डर पर एक पंजाब के लुधियाना जिले के खट्टरा गांव से आए किसान गज्जन सिंह की मौत हो गई. यहां पर काफी संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे थे. उनकी मौत कड़ाके की ठंड और हार्ट अटैक के चलते हुई. 71 वर्षों में नवंबर में सबसे ज्यादा ठंड पड़ी है.


8-  हरियाणा के सभी खाप ने किसानों को सर्वसम्मति के साथ समर्थन का फैसला किया है. खाप मंगलवार को एकजुट होंगे और दिल्ली की ओर चलेंगे. समाचार एजेंसी एएनआई ने हरियाणा खाप प्रधान और दादरी विधायक सोमबीर सांगवान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा- “हम केन्द्र ने अनुरोध करते हैं कि वे नए कानूनों पर दोबारा विचार करें. हर किसी को अभिव्यक्ति का अधिकार है.”


9-किसान संगठनों के नेताओं का दावा है कि प्रदर्शन मार्च में करीब 3 लाख किसान हिस्सा ले रहे हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ शाहीन बाग की महिलाएं भी सिंघु बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने के लिए पहुंची हैं.


10-प्रदर्शकारी किसानों ने धमकी दी है कि वे दिल्ली के पांचों एंट्री प्वाइंट- सोनीपत, रोहतक, जयपुर, गाजियाबाद-हापुड़ और मथुरा को बंद कर देंगे. दिल्ली पुलिस ने सुबह सभी यात्रा करने वाले लोगों से वैकल्पिक रास्ता लेने को कहा था क्योंकि पड़ोसी राज्य हरियाणा जाने वाला महत्वपूर्ण मार्ग बंद है.


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