Home Minister Amit Shah on History: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को देश के इतिहासकारों (Historians) से अतीत के गौरव को पुनर्जीवित करने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में मदद मिलेगी. गृहमंत्री ने कहा कि 800-900 साल की स्वाधीनता की लड़ाई के चलते हम बचे हुए हैं. संस्कृति को बचाने के लिए लोगों ने बलिदान दिया. कुछ लोगों ने इतिहास (History) विकृत तरीके से लिखा, लेकिन हमें कौन रोक सकता है? सत्य को रोका नहीं जा सकता. सवाई मान सिंह ने अकबर से समझौता कर लिया तो हमारे इलाके में सवा नहीं हवा बोलते हैं. सवाई महल को हवाई महल कहते हैं.


केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास बड़ा होना चाहिए. झूठ की चर्चा से भी उसको बल मिलता है. हम स्वतंत्र हैं, हमें हमारा इतिहास लिखने से कोई नहीं रोक सकता. कुछ लोगों ने इतिहास को इस तरह से लिखा कि निराशा का जन्म हो, लेकिन इस भूमि में निराशा हावी नहीं हो सकती. यहां सत्य ही जीतता है.


इतिहास को बदलना सिर्फ सरकार का विषय नहीं-शाह


गृहमंत्री अमित शाह ने आगे कहा कि नागभट्ट और प्रतिहार राजाओं को साथ लेकर बप्पा रावल ने इस्लामिक आक्रांताओं को हराया था. अरबों को दिन में तारे दिखा दिए. उनके शौर्य के चलते 500 साल तक हमले की हिम्मत नहीं हुई. पर आज के छात्र उनके बारे में बहुत कम जानते हैं. इतिहास को बदल देना सिर्फ सरकार का विषय नहीं है. ज़रूरी है कि लोग पढ़ें, रिसर्च करें, सच को उजागर करें. गलत धारणाओं को दूर करें.


संदर्भ ग्रंथ लिखने की है जरूरत?


इसके साथ गृहमंत्री ने ये भी कहा कि कई सारे साम्राज्य हुए, लेकिन इतिहासकारों ने सिर्फ मुग़ल साम्राज्य के बारे में लिखा. चालुक्य, अहोम, पल्लव जैसे गौरवशाली साम्राज्यों को उचित जगह नहीं मिली. इन सब पर संदर्भ ग्रंथ (Sandarbh Granth) लिखने की ज़रूरत है. सच अपने आप सामने आ जाएगा. भारत सरकार भी पहल कर रही है, लेकिन जब सरकारें इतिहास लिखती हैं तो उसमें समस्या आती है. उचित है कि समाज से विद्वान निकल कर सामने आए, संदर्भ ग्रंथ लिखें. 


वीर सावरकर को लेकर अमित शाह ने क्या कहा?


केंद्रीय गृहमंत्री (Union Home Minister) अमित शाह (Amit Shah) ने आगे कहा कि सिख गुरुओं, दुर्गादास राठौर, बाजीराव पेशवा जैसे महापुरुषों को न्याय मिलना चाहिए. अगर वीर सावरकर न होते तो इतिहास (History) की बहुत सी बातें उजागर नहीं होतीं. आक्रांता जहां गए सब तहस-नहस कर दिया. भारत में लोग अपने धर्म, अपनी भाषा, संस्कृति के लिए लड़े. आक्रांताओं को यहां आकर रुक जाना पड़ा. हमारे पूर्वज जहां भी होंगे, भारत का पुनरूत्थान देख कर खुश हो रहे होंगे.


ये भी पढ़ें:


Rajya Sabha Election: खींचतान, छुपम छिपाई के बीच 4 राज्यों में राज्यसभा की 16 सीटों पर वोटिंग, जानिए कहां किसका पलड़ा भारी?


India-China Dispute: लद्दाख में चीन के निर्माण को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र को घेरा, कहा- देश के साथ विश्वासघात कर रही सरकार