विरोध प्रदर्शनों के बीच अमित शाह बोले- CAA में नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का प्रावधान है
गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के द्वारका में एक कार्यक्रम में कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का प्रावधान है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी समेत देशभर के अलग-अलग हिस्सों में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली के सीलमपुर, जामिया समेत अन्य इलाकों में तनाव है. इस बीच दिल्ली में ही एक कार्यक्रम में गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि नागरिकता कानून पर राजनीति हो रही है. समूचा विपक्ष देश को गुमराह कर रहा है. उन्होंने लोगों से शांति बरतने की अपील की.
द्वारका के भारत वंदना पार्क में डीडीए के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा, ''मैं फिर से कहना चाहता हूं कि इसमें नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का प्रावधान है. मैं सभी विद्यार्थियों को कहना चाहता हूं कि इस कानून का अध्ययन करिए. जो आपके पास सूचना है वो गलत है.''
उन्होंने कहा, ''मैं उन युवाओं को कहना चाहता हूं कि वेबसाइट पर कानून पड़ा है, उसमें कुछ ऐसा है कि किसी के खिलाफ कानून अन्याय करता है तो हमें बताइए...मोदी सरकार किसी के खिलाफ अन्याय नहीं करती है.'' शाह ने आगे कहा कि आपको जितना भी विरोध करना है करिए लेकिन हम शरणार्थियों को नागरिकता दे कर रहेंगे.
गृहमंत्री से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस नागरिकता कानून पर झूठ बोल रही है, मुसलमानों के बीच डर का माहौल बना रही है. मैं आश्वासन देता हूं कि देश का कोई भी नागरिक इस कानून से प्रभावित नहीं होगा.
प्रधानमंत्री ने छात्रों से भी अपील की और कहा कि वह लोकतांत्रिक तरीके से सरकार के साथ बातचीत के लिए मुद्दों को उठाएं. उन्होंने आरोप लगाया कि ‘शहरी नक्सली’ लोग देश में समस्या पैदा करने के लिए युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि देशभर में 20 से ज्यादा यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
सीलमपुर से पहले पिछले दिनों जामिया में भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे और दिल्ली पुलिस यूनिवर्सिटी के अंदर दाखिल हुई थी. पुलिस ने भारी बल प्रयोग किया था.
उद्वव ठाकरे ने कहा- जामिया की घटना जालियांवाला बाग जैसा, छात्रों में युवा बम जैसी ताकत