नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद बीजेपी और टीएमसी में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यपाल ओपी धनखड़ से हमले को लेकर रिपोर्ट मांगी है.


इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘बंगाल में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा जी के ऊपर हुआ हमला बहुत ही निंदनीय है, उसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है. केंद्र सरकार इस हमले को पूरी गंभीरता से ले रही है. बंगाल सरकार को इस प्रायोजित हिंसा के लिए प्रदेश की शांतिप्रिय जनता को जवाब देना होगा.’’


वहीं नाराज जेपी नड्डा ने हमले को 'अभूतपूर्व' करार दिया और आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है और यह ‘‘गुंडा राज’’ में तब्दील हो गया है.


ममता का पलटवार
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमले को नाटक करार दिया. बनर्जी ने कोलकाता में कहा, ‘‘वे (भाजपा कार्यकर्ता) हर दिन हथियारों के साथ (रैलियों के लिए) आते हैं. वे खुद को थप्पड़ मार रहे हैं और इसका आरोप तृणमूल कांग्रेस पर लगा रहे हैं. जरा स्थिति के बारे में सोचिए. वे बीएसएफ, सीआरपीएफ, सेना और सीआईएसएफ के साथ घूम रहे हैं...तो फिर आप इतने भयभीत क्यों हो.’’


राज्यपाल क्या बोले?
राज्यपाल धनखड़ ने घटना पर चिंता व्यक्त की और कहा कि राज्य प्रशासन उनकी चेतावनियों के बावजूद कार्रवाई करने में विफल रहा. धनखड़ ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को इस बारे में आज सुबह 8.19 बजे तथा 9.05 बजे ही सतर्क किया था कि डायमंड हार्बर में भाजपा की बैठक के दौरान कानून व्यवस्था संबंधी दिक्कत पैदा हो सकती है.


राज्यपाल ने ट्वीट में लिखा कि मुख्य सचिव ने उन्हें सूचित किया था कि पुलिस महानिदेशक को आगाह कर दिया गया है और तदनुसार अवगत करा दिया गया है. उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, ‘‘घटना से कानूनी प्राधिकार के पूरी तरह विफल होने का संकेत मिलता है.’’


नड्डा पर कब हुआ हमला?
नड्डा के काफिले पर आज सुबह उस समय हमला हुआ जब वह पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में शामिल होने डायमंड हार्बर जा रहे थे. इस दौरान भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित कई नेता घायल हो गए. बुलेट प्रूफ कार में सवार नड्डा को हालांकि कोई नुकसान नहीं पहुंचा. डायमंड हार्बर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी करते हैं.


घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने दक्षिण 24 परगना जिले में सिराकुल के पास सड़क को अवरुद्ध कर दिया. उनमें से कुछ के हाथों में लाठी-डंडे, लोहे की छड़ें और पत्थर थे. पुलिस ने जब उन्हें हटाने की कोशिश की तो वे भाजपा और मीडिया के खिलाफ नारे लगाते हुए पुलिस से झगड़ने लगे.


उन्होंने बताया कि जैसे ही वहां से काफिले ने गुजरने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारी वाहनों के साथ दौड़ने लगे और उनपर मुक्कों, लाठी-डंडों तथा लोहे की छड़ों से हमला कर शीशे तोड़ दिए. कुछ किलोमीटर दूर प्रदर्शनकारियों के एक और समूह ने सड़क को रोक दिया. वे काफिले की तरफ बढ़े और इसपर पथराव कर दिया.


विजयवर्गीय और पार्टी उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के हाथ में चोट आई, जबकि रॉय के सुरक्षाकर्मी के सिर में पत्थर लगा. पुलिस ने आखिरकार प्रदर्शनकारियों को दौड़ाया और नड्डा बैठक स्थल पर पहुंचे.


नड्डा ने पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा, ‘‘आज मैंने जो देखा वह हैरान करने वाला और अभूतपूर्व है. पश्चिम बंगाल में पूरी तरह कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है और असिहष्णुता उत्पन्न हो गई है. प्रशासन पूरी तरह विफल हो गया है और गुंडा राज की मौजूदगी है.’’


नड्डा ने कहा, ‘‘यदि मैं यहां बैठक के लिए पहुंच गया हूं तो यह मां दुर्गा के आशीर्वाद की वजह से है...मैं कल्पना कर सकता हूं कि बंगाल में पार्टी के आम कार्यकर्ता के लिए कितनी कठिनाई होगी.’’


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