नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने आज केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल के 82 सालों के इतिहास पर आधारित एक पुस्तक का लोकार्पण किया. ‘राष्ट्र प्रथम’ शीर्षक इस पुस्तक को जेएनयू के इतिहास के प्रोफ़ेसर भुवन झा ने संकलित किया है, जिसे रूपा प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. इस दौरान गृह मंत्री शाह ने केंद्रीय सुरक्षाबलों के जवानों को लेकर कहा कि मैं चाहता हूं कि हर जवान साल में सौ दिन अपने घर पर अपने परिवार के साथ रहे.
‘राष्ट्र प्रथम’ पुस्तक से नए जवानों को मिलेगी प्रेरणा
गृह मंत्री अमित शाह ने कार्यक्रम में सीआरपीएफ के जवानों और अफसरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सीआरपीएफ के इतिहास का आज प्रकाशन हुआ है. इसका उद्देश्य नए जवानों को प्रेरित करना है. नए जवानों की प्रेरणा के लिए सीआरपीएफ़ के गौरव पूर्ण इतिहास का ज्ञान ज़रूरी है. नए आने वाले जवानों को इस पुस्तक से देश के लिए सीआरपीएफ के बलिदान और निष्ठा का ज्ञान होगा.
गृह मंत्री ने कहा कि पुलवामा की घटना में एक साथ सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे, लेकिन देश ने उसका समुचित जवाब दे कर बदला लिया. इस पुस्तक से देश और दुनिया तक सीआरपीएफ की वीरता का इतिहास पहुंचेगा. इस पुस्तक में आगे समय-समय पर विस्तार दिया जाएगा. गृह मंत्री अमित शाह ने इस पुस्तक के संकलन कर्ता डा. भुवन झा का सरकार की तरफ़ से औपचारिक तौर से धन्यवाद करते हुए कहा कि इसमें आगे आने वाला इतिहास भी जुड़ता जाएगा. सीआरपीएफ़ ने हर मोर्चे पर अपनी वीरता का परिचय दिया है.
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने पुलिस स्मारक बनवाया है. यहां पुलिस और सशस्त्र बलों की वीरता के किस्सों को दर्ज किया गया है. इस स्मारक को पापुलर करने की आवश्यकता है. इसका प्रचार होना चाहिए. केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को 100 दिन की छुट्टी मिलनी चाहिए. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं चाहता हूं कि हर जवान साल में सौ दिन अपने घर पर अपने परिवार के साथ रह सके. इस पर प्लानिंग होनी चाहिए. मैंने ये बात गृह सचिव से भी कही है. भविष्य में ये सम्भव है. शुरुआत में कम से कम 85 फीसदी जवानों को ये सुविधा मिलनी चाहिए.