CAA Rules: देश में नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू होने के बाद विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमलावर हैं. साथ ही कई जगहों पर इसको लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं. मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार (12 मार्च) को आश्वासन दिया कि सीएए में किसी की भी नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है.


उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर नए कानून को लेकर भ्रम फैलना का आरोप लगाया, जिसकी वजह से केरल और असम में प्रदर्शन शुरू हो गए. अमित शाह ने विवादास्पद सीएए को लेकर फैली आशंकाओं को दूर करने की कोशिश की और कहा कि नये कानून के कारण किसी भी भारतीय की नागरिकता नहीं जाएगी.


असदुद्दीन ओवैसी और राहुल गांधी को लिया निशाने पर


केंद्रीय गृह मंत्री ने सीएए लागू करने को जायज ठहराते हुए ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया कि सीएए लागू होने से देश में अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीन ली जाएगी.


उन्होंने विपक्षी दलों पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया. वहीं, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता को प्रभावित नहीं करेगा और इसका उस समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है, जिसे अपने हिंदू समकक्षों के समान अधिकार प्राप्त हैं.


‘ये कानून नागरिकता देता है, छीनता नहीं’


हैदराबाद में बीजेपी के बूथ कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सीएए को लेकर 'अफवाह' फैला रहे लोगों पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कानून नागरिकता प्रदान करता है, छीनता नहीं है. उन्होंने ने कहा, ''मैं इस देश के अल्पसंख्यकों को बताना चाहता हूं कि सीएए के कारण देश के किसी भी नागरिक की नागरिकता नहीं जाएगी. सीएए एक ऐसा कानून है, जो नागरिकता प्रदान करता है, न कि नागरिकता छीनता है. मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जो किसी की भी नागरिकता छीनता हो.''


बीजेपी सोशल मीडिया स्वयंसेवकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी ने तुष्टिकरण और वोट-बैंक की राजनीति के कारण सीएए का विरोध किया. उन्होंने सीएए लागू करने को जायज ठहराते हुए कहा, ''हमने कहा था कि हम सीएए लाएंगे. कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया.''


उन्होंने आगे कहा, ''आजादी के बाद कांग्रेस और हमारे संविधान निर्माताओं का यह वादा था कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर सताये गए लोगों को भारत आने पर नागरिकता प्रदान की जाएगी, लेकिन तुष्टिकरण और वोट-बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस पार्टी ने सीएए का विरोध किया.''


उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लाखों-करोड़ों लोग अपनी आस्था और सम्मान को बचाने के लिए भारत आए, लेकिन उन्हें नागरिकता नहीं दी गई. गृह मंत्री ने कहा, ''नागरिकता नहीं मिलने से उन्होंने अपने देश में खुद को अपमानित महसूस किया.'' शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सीएए के जरिए हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख शरणार्थियों को नागरिकता देकर उनका सम्मान किया है.


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