मुंबई: दिल्ली दंगों के लिए शिवसेना के मुखपत्र सामना में गृहमंत्री अमित शाह पर जोरदार हमले किए गए हैं. सामना के संपादक संजय राउत ने गृह मंत्री अमित शाह से कई सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि जब दिल्ली जल रही थी लोग अपना आक्रोश व्यक्त कर रहे थे तब गृहमंत्री कहां थे? किसी और की सरकार में ऐसा होने पर बीजेपी के इस्तीफे की मांग की पुरानी कहानियों का जिक्र करते हुए सामना के संपादकीय में गृहमंत्री पर हमला बोला गया है.


अपने संपादकीय में सामना ने कमजोर विपक्ष का जिक्र भी किया है. सामना में कहा गया है कि अगर कांग्रेस और दूसरे गठबंधन की सरकार होती तो बीजेपी गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग करती. इस्तीफे के लिए दिल्ली में मोर्चा होता है लेकिन अब जब बीजेपी की सरकार है विपक्ष कमजोर है. संपादकीय में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग का भी जिक्र हुआ है.


केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा गया है कि जब दिल्ली में लोग मर रहे थे केंद्र का आधा मंत्रिमंडल अहमदाबाद में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को नमस्ते साहब कर रहा था. गृह मंत्री पर आरोप है कि वह और उनके सहयोगी अहमदाबाद में थे. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के सड़कों पर निकलने पर सवाल किया गया है कि इससे क्या होगा जो होना था वह हो गया.


गृह मंत्री अमित शाह को घेरते हुए यह भी लिखा गया है कि वह चुनाव के दौरान घर-घर प्रचार करने जाते हैं और पूरा समय निकालते हैं पर जब से दिल्ली में हिंसा हुई है गृहमंत्री कहीं दिखाई नहीं दिए. यह भी कह दिया गया है कि विपक्ष इस पर संसद में हंगामा कर सकता है. दिल्ली के मुद्दे को संसद में उठाने पर विपक्ष को देशद्रोही ठहराया जाएगा.


दिल्ली हाईकोर्ट के दंगे को लेकर दिए गए फैसले और कथन का जिक्र भी संपादकीय में किया गया है और जस्टिस मुरलीधर की टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा गया है कि मुरलीधर को 24 घंटे में राष्ट्रपति के आदेश से तबादला कर दिया गया.


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