GNCTD Amendment Bill 2023: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार (7 अगस्त) को संसद के उच्च सदन यानी राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिला पेश करेंगे. इस विधेयक का नाम 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023' है जो दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग से संबंधित है. इससे पहले गुरुवार (3 अगस्त) को विपक्ष के भारी हंगामे के बीच यह बिल लोकसभा में ध्वनि मत से पारित हो चुका है.






राज्यसभा में सरकार पारित करा पाएगी दिल्ली सेवा बिल? समझें गणित


लोकसभा के बाद अब सबकी नजरें राज्यसभा पर हैं कि क्या केंद्र सरकार उच्च सदन में दिल्ली सेवा बिल को पारित कराने में सफल होगी? इसके लिए राज्यसभा में सांसदों की संख्या का गणित समझना होगा. राज्यसभा में 238 सांसद हैं. विधेयक को पारित कराने के लिए सरकार को 119 सांसदों की जरूरत पड़ेगी.


बीजेपी के पास वर्तमान में राज्यसभा में 92 सांसद हैं, लेकिन सहयोगी दलों के मिलाकर उसके पास 103 सांसद होने की बात कही जा रही हैं. पांच मनोनीत सांसद भी शामिल हैं. वहीं, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 9 और ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल के 9 सांसद हैं. इन दोनों ही पार्टियों ने भी केंद्र सरकार को समर्थन देने की बात कही है.


विपक्षी गठबंधन INDIA के राज्यसभा में कितने सांसद हैं?


दो निर्दलीय सांसदों का समर्थन भी सरकार को मिल सकता है. इसके अलावा बीएसपी और टीडीपी का एक-एक सांसद उच्च सदन में हैं. लोकसभा में बिल पेश होने से पहले बीएसपी ने बायकॉट करने की बात कही थी, जबकि टीडीपी ने सरकार को समर्थन देने की बात कही थी. इस लिहाज से उच्च सदन में विधेयक पारित कराने के लिए जरूरी बहुमत का आंकड़ा केंद्र सरकार जुटाती दिख रही है, जबकि राज्यसभा में विपक्षी गठबंधन INDIA के मिलाकर 109 सांसद हैं.


बता दें कि यह विधेयक समूह-ए के अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए एक अथॉरिटी गठन के लिहाज से लागू अध्यादेश की जगह लेगा. दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने इस बिल के विरोध में कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों से समर्थन जुटाया है. 


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