विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए गुरुवार की शाम पांच बजे चुनाव प्रचार खत्म हो गया. इस चरण में असम की 47 जबकि पश्चिम बंगाल की 30 विधानसभा सीटों पर वोटिंग 27 मार्च को होगी. बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं और यहां पर आठ चरणों में वोटिंग होने जा रही है. गृह मंत्री अमित शाह एबीपी न्यूज के सहयोगी चैनल एबीपी आनंदा से पश्चिम बंगाल चुनाव में पार्टी की रणनीति को लेकर बात की.


'बंगाल में बाहरी नहीं कोई मुद्दा'


अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 'बाहरी' के आरोपों पर जवाब देते हुए कहा- "जहां तक बाहरी का सवाल है तो मेरी पार्टी अखिल भारतीय पार्टी है. यह एक स्थानीय दल नहीं है, तो मेरी पार्टी के सारे नेता ममता दीदी के हिसाब से बाहरी ही हो गए." उन्होंने कहा कि जब सुभाष चन्द्र बोस अखिर भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने थे तो क्या वे पूरे देश के लिए बाहरी थे क्या? बंगाल का कोई व्यक्ति कांग्रेस का अध्यक्ष बन जाए तो वो क्या कांग्रेस के लिए बाहरी था क्या? प्रणब बाबू देश के राष्ट्रपति बने तो क्या वे मध्य प्रदेश के लिए राष्ट्रपति थे क्या? अमित शाह ने कहा- "ये क्या छोटा विचार है. ये बंगाल का तो विचार नहीं हो सकता है. शायद किसी एडवाइजर के विचार से ममता बनर्जी चल रहीं हैं."


गृह मंत्री ने कहा कि दिलीप घोष कौन हैं? स्वप्न दास गुप्ता बीजेपी से लड़ रहे हैं ये कौन हैं? लहिरी जी लड़ रहे हैं ये कौन हैं? ये सभी बंगाली ही हैं. उन्होंने कहा कि जब हमारी पार्टी बढ़ेगी तो स्वाभाविक रूप से जो पार्टी के लोग होंगे वे सभी बंगाली ही होंगे. उन्होंने कहा कि क्या लोकतंत्र में ऐसी कोई व्यवस्था है कि जो लोग सत्ता में बैठे हुए हैं इनके खिलाफ अन्य दल के लोग खड़े ही ना हो?


'कई राज्यों में बिना चेहरा मैदान में उतरे'


उन्होंने कहा कि जब हम यूपी और झारखंड में सरकार आए तब भी ऐसा प्रोजेक्शन नहीं था. इस बार ओडिशा लड़े वहां भी प्रोजेक्शन नहीं था. कई सारे राज्यों में बिना प्रोजेक्शन के लड़े हैं. यहां पर मजबूत चेहरा आएगा और वह बंगाल का भूमिपुत्र होगा. अगला चुनाव हम उसके नाम से लड़ेंगे. अमित शाह ने कहा कि अगर कोई नेता चुनाव से पहले पार्टी बदलता है तो वह बदल सकता है क्योंकि अगले पांच साल का जनादेश लेने जाना होता है. शुभेंदु अधिकारी के बारे में यह जनता तय करेगी कि अब जहां वह है वो सही जगह है या पहले जहां थे वो सही जगह थी. उन्होंने कहा कि नंदीग्राम में यह भी तय हो जाएगा कि अभ जहां पर शुभेंदु हैं वह सही जगह है.


केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा- “हम विचारधारा नहीं बदल रहे हैं बल्कि जो लोग पार्टी में आ रहे हैं वो हमारी विचारधार को फॉलो कर रहे हैं. मैं मानता हूं कि वह इस आइडियोलॉजी में अपने आपको ढाल लेंगे और हमारे सांचे में ढल जाएंगे. ”


'सीएए से ममता का विरोध क्यों?'


उन्होंने कहा कि अभी कोरोना का वैक्सीनेशन चल रहा है. हर शरणार्थी को नागरिकता मिलेगी. इसमें किसी को संशय रखने की जरूरत नहीं है. अमित शाह ने कहा कि सीएए में  नागरिकता लेने नहीं बल्कि देने का प्रावधान है. उन्होंने कहा कि जब ममता जी कहती हैं कि सारे लोग नागरिक है फिर नागरिकता का ठप्पा लगने पर उनको तकलीफ क्या है?


उन्होंने घुसपैठ पर कहा कि लॉ एंड ऑर्डर राज्य की जिम्मेदारी है. असम में कैमरे लगाए, फेंसिंग की. घुसपैठ तभी रुकेगा जब पुलिस और बीएसएफ मुश्तैद हो. उन्होंने आरोप लगाया कि ममता दीदी इन चीजों को हल्के में ले रहीं हैं. उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकने केन्द्र सरकार हो या फिर राज्य सरकार हो, उसकी प्राथमिकता होनी चाहिए.


'बंगाल में शिक्षा का खस्ताहाल'


गृह मंत्री ने कहा कि बंगाल में हालत काफी खराब है. एक लाख लोगों पर 13 कॉलेज है. ऐसे में बच्चे कैसे पढ़ेंगे. इन्फ्रास्ट्रक्चर का खस्ताहाल हो रहा है. पानी के पानी की सुविधा नहीं है. हमने बंकिम चंद्र फंड और ईश्वरचंद्र विद्यासागर फंड का ऐलान किया है ताकि यहां की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर किया जा सके.


'बंगाल में डबल इंजन सरकार की जरूरत'


अमित शाह ने बताया कि बंगाल में डबल इंजन की सरकार इसलिए जरूरी है क्योंकि 1977 से यहां पर हमेशा केन्द्र के विपरीत सरकारें रहीं. यहां पर एक राजनीतिक संस्कृति बन गई कि बंगाल की जनता को केन्द्र के खिलाफ उकसाओ. उन्होंने कहा कि यहां पर केन्द्र की योजनाएं लागू नहीं हो पा रही हैं, इसलिए यहां पर डबल इंजन सरकार की जरूरत है. अमित शाह ने कहा कि बंगाल के किसानों को चिंता की जरूरत नहीं है. राज्य में बीजेपी की सरकार बनते ही 18 हजार करोड़ रुपये एक साथ बिना किसी कटमनी के बैंक एकाउंट में जमा होगा.


केन्द्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा कि बहुत सारे जो पार्क यहां पर बन सकता है, जैसे फूड पार्क, मत्स्य और समुद्री जीवों के प्रोसेसिंग जैसी कई अन्य चीजें शामिल हैं. लेकिन, इन्फ्रस्ट्रक्चर के बगैर ना टूरिज्म बढ़ सकता है और ना विकास हो सकता है.


पहले चरण की 30 सीटें आदिवासी बहुल पुरुलिया, बांकुरा, झारग्राम, पूर्वी मेदिनीपुर (भाग-1) और पूर्वी मेदिनीपुर (भाग-2) जिलों में फैली हुई हैं. इन क्षेत्रों को एक समय वाम दलों के प्रभाव वाला माना जाता था. इन सीटों पर चुनाव प्रचार के दौरान सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी बनकर उभरती दिख रही भाजपा के बड़े नेताओं ने पुरुलिया, झारग्राम और बांकुड़ा जिलों में रैलियों को संबोधित किया और ‘सोनार बांग्ला’ बनाने के लिए वास्तविक बदलाव लाने का वादा किया.


पहले चरण में जिन सीटों पर मतदान होना है उनके लिए भाजपा के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं. भाजपा के अन्य स्टार प्रचारकों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी शामिल रहे.


बंगाल में पहले चरण के तहत राज्य के पांच जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर 27 मार्च को, दूसरे चरण के तहत चार जिलों की 30 विधानसभा सीटों पर एक अप्रैल, तीसरे चरण के तहत 31 विधानसभा सीटों पर छह अप्रैल, चौथे चरण के तहत पांच जिलों की 44 सीटों पर 10 अप्रैल, पांचवें चरण के तहत छह जिलों की 45 सीटों पर 17 अप्रैल, छठे चरण के तहत चार जिलों की 43 सीटों पर 22 अप्रैल, सातवें चरण के तहत पांच जिलों की 36 सीटों पर 26 अप्रैल और आठवें चरण के तहत चार जिलों की 35 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होगा.


पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस पिछले 10 साल से सत्ता में है. इस बार भाजपा और अन्य विपक्षी दल उसे चुनौती दे रहे हैं. भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सत्ता से हटाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है.


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