नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से की गई फायरिंग में बीएसएफ के अधिकारी समेत चार जवान शहीद हो गए हैं. सीमा पर तनाव को लेकर अब केंद्रीय गृह सचिव राजीव गॉबा ने पीएमओ को रिपोर्ट सौंप दी है. गृह सचिव राजीव गॉबा ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात करके सीमा के ताजा हालात की जानकारी दी है.

राजनाथ सिंह ने किया था घाटी का दौरा

इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा हुई है. आज शाम को कैबिनेट की बैठक से पहले (केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति) सीसीएस की बैठक में गृह मंत्री राजनाथ सिंह सीमा की ग्राउंड रिपोर्ट सौपेंगे. राजनाथ सिंह ने कुछ दिनों पहले ही कश्मीर घाटी का दौरा किया था.

जम्मू: रामगढ़ में पाकिस्तानी फायरिंग में BSF असिस्टेंट कमांडेंट समेत 4 जवान शहीद, 5 जख्मी

आज फिर चार जवान शहीद

पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का उल्लंघन लगातार जारी है. केंद्र सरकार द्वारा 16 मई को संघर्ष विराम की घोषणा के बाद से आतंकवादियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड और आईईडी से हमला कर भाग जाने की रणनीति अपनाई है. आज पाकिस्तान की फायरिंग में बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेंट समेत चार जवान शहीद हो गए. शहीद होने वाले जवान बीएसएफ के असिस्टेंट कमांडेट जीतेंद्र सिंह, सब इंस्पेक्टर रजनीश, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर रामनिवास और कांस्टेबल हंसराज हैं.


इस साल ये दूसरी सबसे बड़ी घटना

बता दें कि सीमा पर यह संघर्ष विराम उल्लंघन की ये दूसरी बड़ी घटना है. इससे पहले 29 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच 2003 के संघर्षविराम समझौते को लागू करने पर राजी होने के बावजूद यह घटना हुई है. तीन जून को प्रागवाल, कानाचक और खौर सेक्टर में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तानी रेंजर्स की भारी गोलाबारी और गोलीबारी में एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर समेत दो बीएसएफ जवान शहीद हो गए थे और 10 लोग घायल हो गए थे.

लगातार पाकिस्तानी फायरिंग में शहीद हो रहे हैं जवान

पिछले महीने 15 मई और 23 मई के बीच पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी के कारण जम्मू, कठुआ और सांबा जिलों में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रह रहे हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ा था. इस दौरान गोलीबारी में दो बीएसएफ जवान और एक बच्चे समेत 12 लोग मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे.

2018 में अब तक 27 जवान शहीद

पिछले चार सालों में जब से मोदी सरकार है, इस साल सबसे ज्यादा जवान सीमा पर सीजफायर उल्लंघन में शहीद हुए हैं. आंकड़े कुछ इस तरह हैं- साल 2014 में तीन जवान शहीद हुए. साल 2015 में 10 जवानों की शहादत हुई. वहीं 2016 में 13 जवानों ने देश के लिए अपनी जान दी. 2017 पाकिस्तानी गोलीबारी में 18 जवानों को अपनी जानें गंवानी पड़ी और 2018 में अब तक 27 जवान शहीद हो चुके हैं.

गौर करने वाली बात ये है कि साल 2018 में अभी जून का महीना चल रहा है और इस हिसाब से ये साल अभी आधा खत्म भी नहीं हुआ है. आपको बता दें कि चार साल में कुल 71 जवानों ने देश के लिए कुर्बानी दे दी.

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