मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का अल्टीमेटम देने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वाल्से पाटिल ने गुरूवार को कहा कि सरकार ने इसे "गंभीरता" से लिया है और वह किसी को भी राज्य में माहौल बिगाड़ने नहीं देगी.
वाल्से पाटिल की टिप्पणियां तब आयी हैं जब एक दिन पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने इस मुद्दे को उठाने के लिए ठाकरे की आलोचना की और कहा कि राज्य सरकार मनसे प्रमुख द्वारा मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का तीन मई तक का अल्टीमेटम देने को "गंभीरता" से लेगी.
मंत्री ने यहां पत्रकारों से कहा, "सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है. पुलिस हनुमान जयंती समेत आगामी उत्सवों के लिए तैयार है. हम किसी को भी इस राज्य में माहौल बिगाड़ने नहीं देंगे." वाल्से पाटिल ने कहा कि मनसे और भारतीय जनता पार्टी मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने की मांग करते हुए अदालत के एक फैसले का जिक्र कर रही है.
उन्होंने कहा, "अदालत के जिस फैसले का हवाला दिया जा रहा है वह कहता है कि किसी को भी रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक ऊंची आवाज में लाउडस्पीकर्स का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. इसलिए अदालत ने मंदिरों या मस्जिदों या अन्य स्थान से ऐसे लाउडस्पीकर हटाने का कोई फैसला नहीं दिया है जो अनुमति के साथ लगाए गए हैं."
वाल्से पाटिल ने बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस के उस आरोप को भी खारिज कर दिया कि एनसीपी नेता तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं और साम्प्रदायिक आधार पर समाज का ध्रुवीकरण कर रहे हैं." उन्होंने कहा, "लोग बरसों से राजनीति और सामाजिक जीवन में विभिन्न मुद्दों पर पवार साहेब का रुख जानते हैं. इसलिए मुझे नहीं लगता कि इस तरीके से ट्वीट करने से बीजेपी को फायदा मिलेगा."
वाल्से पाटिल ने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 पर एनसीपी, कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दलों का रुख "स्पष्ट" है. हालांकि, उन्होंने विस्तार से जानकारी नहीं दी. पवार पर निशाना साधते हुए फडणवीस ने कहा था कि वरिष्ठ नेता ने पहले कहा था कि महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक का भगोड़े गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम से संबंध इसलिए बताया जा रहा है क्योंकि वह मुस्लिम है. इस पर पलटवार करते हुए वाल्से पाटिल ने कहा कि बीजेपी "जानबूझकर" मलिक को दाऊद से जोड़ रही है और इसमें "कुछ भी नया नहीं है."
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