मणिपुर में मेइती समुदाय की एक नागरिक संस्था ने दावा किया कि पूर्वोत्तर के लिए गृह मंत्रालय के सलाहकार ए. के. मिश्रा ने उन्हें, जातीय संघर्ष से प्रभावित राज्य में शांति के लिए केंद्र द्वारा रूपरेखा तैयार किए जाने के बारे में बताया है.


‘फेडरेशन ऑफ सिविल सोसाइटी’ (FOCS) के प्रवक्ता नगांगबाम चमचन सिंह ने गुरुवार (13 मार्च, 2025) को यहां संवाददाताओं को बताया कि मिश्रा ने बुधवार को उन्हें बताया कि मणिपुर में शांति के लिए रूपरेखा का पहला चरण पहले ही लागू किया जा चुका है.


सिंह ने कहा, 'गृह मंत्रालय के सलाहकार और अन्य अधिकारियों के निमंत्रण पर एफओसीएस प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को पुराने सचिवालय (इंफाल) में उनसे मुलाकात की. इस दौरान मिश्रा ने उन्हें बताया कि केंद्र ने राज्य में जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए एक रूपरेखा तैयार की है और इसे चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा.'


एफओसीएस प्रवक्ता ने कहा, 'मिश्रा ने हमें बताया कि रूपरेखा में हथियारों का समर्पण, सड़कों को फिर से खोलना और हथियारबंद समूहों की गतिविधियों पर अंकुश लगाना शामिल है. इस संबंध में 20 फरवरी को राज्यपाल ने लोगों से हथियार सौंपने का आह्वान किया था. मिश्रा के अनुसार, राज्य की सभी सड़कों पर बिना किसी बाधा के सभी लोगों की आवाजाही हो, यह इस रूपरेखा के शुरुआती चरण का हिस्सा है.'


केंद्र और कुकी सशस्त्र समूहों के बीच ऑपरेशन स्थगन (एसओओ) समझौते के बारे में नगांगबाम ने कहा, 'मिश्रा ने कहा कि समझौता समाप्त हो गया है, लेकिन इसे निरस्त नहीं किया गया है. हालांकि, समझौते को उचित समय पर फिर से सुधारा और संशोधित किया जाएगा.'


एफओसीएस के प्रवक्ता ने कहा, 'हमने उनके सामने पांच बिंदु रखे, जिनमें राज्य में सभी लोगों की बिना किसी बाधा के स्वतंत्र आवाजाही शामिल है. हमने उनसे आंतरिक रूप से विस्थापित सभी व्यक्तियों को बिना किसी डर के उनके मूल स्थानों पर पुनर्वास की अनुमति देने, सशस्त्र समूहों द्वारा ग्रामीणों पर बंदूक से हमले रोकने के वास्ते कदम उठाने, मणिपुर की जनसांख्यिकी का विस्तृत अध्ययन करने और बातचीत शुरू करने के संबंध में कदम उठाने का भी आग्रह किया.'


मई 2023 से मेइती और कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 250 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद केंद्र ने 13 फरवरी को मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था. राज्य विधानसभा को निलंबित कर दिया गया है. विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है.


 


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