नई दिल्लीः दिल्ली में सीएम अरविंद केजरीवाल के घर पर दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित बदसुलूकी का मामला आगे बढ़ता जा रहा है. अब गृह मंत्रालय ने पूरे विवाद पर एलजी से रिपोर्ट मांगी है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि मुख्य सचिव के साथ हुई घटना से उन्हें बेहद दुख पहुंचा है और अधिकारियों को बिना डर के सम्मानपूर्वक काम करने दिया जाना चाहिए.



वहीं आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशीष खेतान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिल्ली पुलिस पर जल्द कार्रवाई ना करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, ''हमारे साथ बदसलूकी हुई. क्या वे कर्मचारी थे? या फिर बाहर के लोग थे? वो सभी लोग सचिवालय में अंदर कैसे आए? कौन इन्हें प्रवोक कर रहा है और किसकी शह पर ये लोग ऐसा कर रहे हैं. अभी तक दिल्ली पुलिस ने क्या कार्रवाई की है? दिल्ली सचिवालय के अंदर लोगों ने मंत्रियों पर हमला किया.  क्या किसी और राज्य के सचिवालय में मंत्रियों पर हमला हो जाएगा और सीसीटीवी में सब कैद होने के बाद कोई कार्रवाई नहीं होगी और कोई गिरफ्तारी नहीं होगी. मैंने गृहमंत्री से मिलने के लिए समय मांगा है. राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया है जहां उन्होंने पहले ही तय कर लिया है कि कौन दोषी है. और फिर कहते हैं कि कि जांच के आदेश दिए हैं. पहले पता करना चाहिए था कि किसकी गलती है और किसकी नहीं है. उसके बाद देश के गृहमंत्री होते ही आपको फैसला करना चाहिए था.''

सीएम के मीडिया सलाहकारों के मुताबिक मंत्री इमरान हुसैन, आप नेता आशीष खेतान के साथ मारपीट
लेकिन इस पूरे मामले में तब नया घटनाक्रम जुड़ गया जब सीएम के मीडिया सलाहकारों ने कहा कि दिल्ली सचिवालय पर अफसरों ने मंत्री इमरान हुसैन और आप नेता आशीष खेतान के साथ मारपीट की. इसके साथ ही अरविंद केजरीवाल सरकार और पार्टी ने मुख्य सचिव के आरोपों को बेबुनियाद बताया और ये भी कहा कि मुख्य सचिव राज्यपाल के इशारों पर काम कर रहे हैं.

इस दोतरफा आरोप-प्रत्यारोप के बीच दिल्ली सरकार और उसके अधिकारी आमने-सामने आ गए हैं. इस घटना के विरोध में दिल्ली के अफसर हड़ताल का एलान करके पीछे जरूर हट गए हैं, लेकिन उन्होंने ये धमकी जरूर दी कि वो दफ्तर जाएंगे, लेकिन काम नहीं करेंगे. जबकि जिस विधायक पर मुख्य सचिव के साथ बदसुलूकी का आरोप है उन्होंने मुख्य सचिव के खिलाफ पुलिस में शिकायत कर दी.

क्या कहता है संविधान
जब से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार आई है तब से लगातार दिल्ली में शासन के अधिकार को लेकर केजरीवाल और एलजी में तनातनी चल रही है, हालांकि देश का संविधान इस पर क्या कहता है ये जानकर मामले की तस्वीर साफ हो सकती है. देश की राजधानी दिल्ली न तो पूर्ण राज्य है और न ही पूर्ण रूप से केंद्रशासित राज्य है, एलजी दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं लिहाजा बिना केंद्र की मंजूरी के दिल्ली सरकार कोई कानून नहीं बना सकती. इसी को लेकर दिल्ली सरकार के गठन से लेकर अब तक केंद्र और केजरीवाल सरकार के बीच तनाव की स्थिति बनी रही है.

क्या है पूरा मामला
मुख्य सचिव से बदसलूकी के आरोपों के बीच अरविंद केजरीवाल के मीडिया सलाहकार ने सचिवालय में दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन और आम आदमी पार्टी के नेता आशीष खेतान से मारपीट का आरोप लगा दिया है. आरोप है कि दोनों से दिल्ली सचिवालय में हाथापाई की गई.

वहीं मामले की शुरुआत तब हुई जब दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश की तरफ से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर बदसलूकी का आरोप लगाया गया. आरोप के मुताबिक केजरीवाल के आवास पर आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जरवाल ने मुख्य सचिव के साथ बदसुलूकी की. इस आरोप के बाद आप विधायक प्रकाश जरवाल ने एलजी से मुख्य सचिव के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की मांग की. विधायक का आरोप है कि मुख्य सचिव ने उनके और विधायक अजय दत्त के खिलाफ जाति-सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया.

LIVE: मुख्य सचिव बनाम दिल्ली सरकार, AAP का आरोप- गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पहले ही फैसला कर लिया कि दोषी कौन है