नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर कमजोर पड़ रही है लेकिन इसका खतरा अब भी बना हुआ है. इस बीच केंद्र ने मंगलवार को राज्यों से प्रभावी कोविड​​​​-19 प्रबंधन के लिए पांच स्तरीय रणनीति पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी. केंद्र ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने की प्रक्रिया सावधानीपूर्वक तय की जानी चाहिए.


केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने जुलाई महीने के लिए कोविड-19 प्रबंधन पर सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को सलाह दी. इसमें कहा गया है कि राज्यों को नियमित रूप से उन जिलों की निगरानी करनी चाहिए जहां प्रति 10 लाख जनसंख्या पर कोरोना वायरस के उपचाराधीन मामलों की संख्या अधिक है


उन्होंने कहा कि कई राज्यों ने कोरोना वायरस के उपचाराधीन मामलों की संख्या में कमी होने के साथ ही प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया है. भल्ला ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देने की प्रक्रिया को सावधानीपूर्वक तय की जानी चाहिए और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी सलाह के अनुरूप राज्यों द्वारा त्वरित और लक्षित कार्रवाई की जानी चाहिए.


पत्र में कहा गया है, ‘‘राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को जिलों को प्रशासनिक इकाइयों के रूप में लेते हुए नियमित आधार पर मामले की सकारात्मकता और बिस्तरों की संख्या की निगरानी करनी चाहिए.’’


पांच स्तरीय रणनीति


गृह सचिव ने कहा कि उच्च संक्रमण दर और अधिक संख्या में भरे हुए बिस्तर वाले जिलों के लिए राज्य प्रतिबंध लगाने पर विचार कर सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए पांच स्तरीय रणनीति यानि जांच-संक्रमितों का पता लगाने-इलाज-टीकाकरण और कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन पर लगातार ध्यान देना चाहिए.’’


भल्ला ने कहा कि जैसा कि गृह मंत्रालय के पिछले आदेशों और सलाह में जोर दिया गया है मामलों की संख्या में किसी भी वृद्धि से बचाव के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना महत्वपूर्ण है.


गृह सचिव ने कहा कि प्रतिबंधों में ढील देते हुए यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार के पालन में कोई कमी न हो.


उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए, मैं आपसे आग्रह करता हूं कि आप जिलों और अन्य सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश जारी करें कि वे आवश्यक उपाय करें जिसका उल्लेख स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड-19 के प्रबंधन के लिए 28 जून के पत्र में किया गया है.’’


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