Home Ministry On Digital Arrests: डिजिटल अरेस्ट जैसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए गृह मंत्रालय और अन्य संबंधित एजेंसियां लगातार काम कर रही है. पिछले एक साल के दौरान जब से इन घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है, सरकार ने सोशल मीडिया और वीडियो कॉलिंग प्लेटफॉर्म्स पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी है. जानकारी के अनुसार इसके तहत अब तक हजारों संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स और वीडियो कॉलिंग अकाउंट्स को बंद कराया गया है और उन पर कानूनी कार्रवाई भी की गई है.
गृह मंत्रालय की साइबर सिक्योरिटी विंग ने अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से अनुरोध किया है कि वे अपने उपयोगकर्ताओं को साइबर अपराधों से बचने के लिए लगातार जागरूक करें. मंत्रालय ने प्लेटफॉर्म्स से कहा कि वे एहतियात बरतने वाले संदेश नियमित रूप से भेजें ताकि लोग डिजिटल अरेस्ट जैसी समस्याओं का शिकार होने से बच सकें और अपनी सुरक्षा को लेकर सतर्क रहें.
साइबर सिक्योरिटी विंग ने की माइक्रोसॉफ्ट के साथ बैठक
हाल ही में गृह मंत्रालय की साइबर सिक्योरिटी विंग ने माइक्रोसॉफ्ट के साथ बैठक की, जिसमें Skype जैसे प्लेटफॉर्म्स पर इस तरह की घटनाओं के बारे में चर्चा की गई. इस बैठक के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने अपने Skype प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं को चेतावनी मैसेज देना शुरू कर दिया है. अब जब भी कोई व्यक्ति Skype के जरिए कॉल करेगा उसे एक वार्निंग मैसेज दिखाई देगा. इस मैसेज में लिखा होगा "Indian legal authorities will never contact you on Skype" यानी भारतीय कानूनी अधिकारी कभी भी Skype के जरिए आपको संपर्क नहीं करेंगे.
साइबर सुरक्षा के लिए मजबूत कदम
यह कदम साइबर सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उठाया गया है जिससे कि यूजर्स किसी भी तरह के धोखाधड़ी और साइबर अपराधों से बच सकें. गृह मंत्रालय और अन्य एजेंसियां इन प्रयासों को लगातार बढ़ा रही हैं ताकि आने वाले समय में साइबर अरेस्ट और अन्य डिजिटल अपराधों की घटनाएं कम हो सकें.
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