Home Ministry Gets Extension on CAA: केंद्र सरकार को नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 के प्रवाधानों को तैयार करने के लिए एक बार फिर से समय दिया गया है. ये सातवीं बार ऐसा हुआ है कि जब गृह मंत्रालय को अतिरिक्त समय दिया गया है. राज्यसभा और लोकसभा में अधीनस्थ विधान संबंधी संसदीय समितियों ने एक बार फिर अतिरिक्त समय दिया है. राज्यसभा ने गृह मंत्रालय को 31 दिसंबर 2022, जबकि लोकसभा ने 9 जनवरी 2023 तक का समय दे दिया है.
ये सीएए के प्रावधान तैयार करने के लिए गृह मंत्रालय को समयसीमा में दिया गया सातवां विस्तार है. सीएए के तहत मोदी सरकार पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में उत्पीड़न का शिकार रह चुके उन गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी, ईसाई) को भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहती है, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे.
साल 2019 में पारित हुआ था सीएए
सीएए 11 दिसंबर 2019 को संसद में पारित हो गया था और इसके अगले दिन राष्ट्रपति ने इसे मंजूरी दे दी थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने सीएए को अधिसूचित कर दिया था. हालांकि, सीएए को लागू किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि इसके प्रावधान नहीं तैयार किए गए हैं. किसी भी कानून के क्रियान्वयन के लिए उसके प्रावधान तय करना जरूरी होता है.
संसदीय कार्य से जुड़ी नियमावली के मुताबिक, किसी भी कानून के प्रावधान राष्ट्रपति की सहमति के 6 महीने के भीतर तैयार किए जाने चाहिए या लोकसभा और राज्यसभा की अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों से समयसीमा में विस्तार की मांग की जानी चाहिए. जनवरी 2020 में गृह मंत्रालय ने अधिसूचित किया था कि यह अधिनियम 10 जनवरी 2020 से लागू होगा, लेकिन उसने बाद में राज्यसभा और लोकसभा में अधीनस्त विधान संबंधी संसदीय समितियों से नियमों के क्रियान्वयन के लिए कुछ और समय देने का अनुरोध किया, क्योंकि कोविड-19 महामारी के कारण देश एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा था.
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