नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन के बीच देश में सभी जरूरी एवं गैर-जरूरी वस्तुओं की ढुलाई की रविवार को अनुमति दे दी. साथ ही लॉकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों और बेघर लोगों को आश्रय मुहैया कराने के लिए राज्य आपदा राहत कोष (एसडीआरएफ) के इस्तेमाल की इजाजत दी है.


केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे पत्र में उन्हें यह सुनिश्चित करने को कहा कि प्रवासी श्रमिकों समेत बेघर लोगों को आश्रय और भोजन मुहैया कराने के लिए राहत शिविर स्थापित किए जाएं.


पत्र में कहा गया है, "मैं यह सूचित करना चाहता हूं कि देश में कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू बंद के कारण फंसे प्रवासी मजदूरों समेत बेघर लोगों और राहत शिविरों और अन्य स्थानों में शरण लेने वाले लोगों को भोजन मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने एसडीआरएफ के इस्तेमाल की अनुमति दे दी है."


इसमें कहा गया है कि गृह मंत्रालय ने आपदा प्रबंधन कानून लागू करने के लिए पहले ही आदेश दे दिया है, जिसके तहत जिला प्राधिकारियों को प्रवासी श्रमिकों का आवागमन रोकने के लिए अतिरिक्त कदम सख्ती से लागू करने और उन्हें अलग रहने की सुविधाएं, आश्रय और भोजन मुहैया कराने को कहा गया है. साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि उनके वेतन का भुगतान किया जाए और उनके मकान-मालिक उन्हें घरों से नहीं निकालें.


गृह सचिव ने एक पत्र में कहा, "इसका सख्ती से क्रियान्वयन सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता है." पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि सभी जरूरी और गैर जरूरी वस्तुओं में भेद किए बिना सभी सामान की ढुलाई की अनुमति दी गई है. गृह सचिव ने स्पष्ट किया कि प्रिंट मीडिया के लिए छूट के तहत अखबार आपूर्ति की व्यवस्था को भी इजाजत दी गई है.


भल्ला ने कहा कि बंद की अवधि के दौरान पैकेटबंद सामग्री सहित दुग्ध संग्रहण और वितरण की आपूर्ति चैन को भी अनुमति दी गई है. उन्होंने बताया कि हैंडवाश, साबुन, मुंह धोने वाली सामग्री जैसे साफ-सफाई के सामान, बैटरी और चार्जर की भी अनुमति दी गई है.


इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी की सेवाओं को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की व्यवस्था में शामिल किया गया है. एंप्लॉइज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेश को भी छूट दी गई और कम से कम कर्मियों के साथ काम करने को कहा गया है.


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