अब एप के जरिये जवानों की समस्याएं सुनेगा गृह मंत्रालय
नई दिल्ली: अब ऐसा संभव हो सकेगा कि देश के जवान मोबाइल एप के जरिए अपनी समस्याएं गृह मंत्री तक पहुंचाने में सक्षम हो पाएंगे. केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के अंतर्गत आने वाले अर्धसैनिक बलों के जवानों को अपनी ड्यूटी संबंधी परेशानियों के लिये सोशल मीडिया की शरण में नहीं जाना पड़ेगा. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने इसके लिये दो मोबाइल एप विकसित कर जवानों को सीधे गृह मंत्रालय तक अपनी समस्या से अवगत कराने का अवसर मुहैया कराया है.
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को ‘शिकायत निवारण एप’ और ‘बीएसएफ माई एप’ का उद्घाटन कर बीएसएफ सहित सीएपीएफ के अंतर्गत अन्य अर्धसैनिक बल के जवानों को तकनीकी इस्तेमाल से अपनी समस्याओं का निवारण और सेवा को उन्नत करने का आह्वान किया. इससे पहले बीएसएफ की संचार और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी यूनिट के इंस्पेक्टर जनरल एके शर्मा ने बताया कि बीएसफ, आईटीबीपी, सीआरपीएफ, सीआईएसएफ और एसएसबी सहित सभी अर्धसैनिक बल के लगभग 10 लाख जवान शिकायत निवारण एप के जरिये सीधे गृह मंत्रालय से जुड़ सकेंगे. इसके लिये जवान अपने मोबाइल फोन पर यह एप डाउनलोड कर अपनी समस्याएं और अनुभव अपने बल और मंत्रालय से साझा कर सकेंगे. साथ ही जवान अपनी समस्या इस एप से भेजने के बाद इसके समाधान का स्टेटस संबद्ध बल की वेबसाइट पर देख सकेंगे.
शर्मा ने बताया कि गृह मंत्रालय समस्याओं के समाधान पर निगरानी रखते हुये इसकी समीक्षा भी करेगा. प्रत्येक शिकायत पर संबद्ध बल को स्टेटस भी अपडेट करना होगा. इसी तर्ज पर बीएसएफ माई एप भी विकसित करते हुये इसमें कुछ अतिरिक्त सहूलियतें जोड़ी गयी हैं. शर्मा ने बताया कि दूरदराज के इलाकों में तैनात बीएसएफ के जवान इस एप के जरिये छुट्टी की अर्जी भी संबद्ध अधिकारी को भेज सकेंगे. साथ ही जवान अपने वेतन, भत्ते, पेंशन और प्रोन्नति संबंधी जानकारियां भी हासिल कर सकेंगे. इतना ही नहीं यह एप जवानों को भविष्य के लिये वित्तीय निवेश और बचत की योजना बनाने में भी मदद करेगा.
शर्मा ने बताया कि इस एप की सबसे खास बात सूचनाओं की सुरक्षा से जुड़ी है. इसके लिये बीएसएफ ने गूगल प्लेस्टोर के बजाय अपने सर्वर का इस्तेमाल किया है. इससे एप का इस्तेमाल करने वालों जवानों से जुड़ी सूचनायें बाहरी सर्वर पर साझा होने से बचायी जा सकेंगी. जिससे इनके दुरपयोग का खतरा नहीं होगा. इस अवसर पर बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा और दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के अलावा सशस्त्र बलों के अन्य आला अधिकारी मौजूद थे.