टूटेगी नक्सलियों की फंडिंग की कमर, गृह मंत्रालय ने बनाया नया एक्शन प्लान
गृहमंत्रालय के इस टास्क फोर्स में ईडी, सीबीआई, सीबीडीटी, डीआरआई और एनआईए को शामिल किया गया है जो बेहतर तालमेल के साथ नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को अंज़ाम देंगे.
नई दिल्लीः नक्सलियों की कमर तोड़ने के लिए गृह मंत्रालय ने नया एक्शन प्लान तैयार किया है. गढ़चिरौली में 43 और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के कार्रवाई में सफलता से उत्साहित गृहमंत्रालय ने नक्सलियों की फंडिंग की रीढ़ तोड़ने के लिए नया एक्शन प्लान बनाया है. इस एक्शन प्लान के तहत गृहमंत्रालय ने मल्टी डिसिप्लिनरी टास्क फोर्स का गठन किया है.
गृहमंत्रालय के इस टास्क फोर्स में ईडी, सीबीआई, सीबीडीटी, डीआरआई और एनआईए को शामिल किया गया है जो बेहतर तालमेल के साथ नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई को अंज़ाम देंगे.
गृहमंत्रालय के बड़े अधिकारी ने जानकारी दी कि नक्सलियों के खिलाफ मामलों की जांच के लिये गृह मंत्रालय ने ये भी तय किया है कि एनआईए के अंदर अलग एन्टी नक्सल विंग बनाया जाए. जिससे नक्सलियों की साज़िश और उनके हमलों और उगाही के मामलों की जांच फुल फ्रूफ तरीके से की जा सके. दरअसल, इसके जरिये नक्सलियों और उनके साथ सहानभूति रखने वाले के खिलाफ मामलों में पुख्ता सबूतों के साथ कार्रवाई करने की योजना है. नये महकमे के गठन से नक्सलियों की फंडिंग और उसके सोर्स के बारे विस्तृत जानकारी जुटाई जा सकेगी.
इस टास्क फोर्स के जाइये फंडिंग पूरी तरह से रोकने का काम किया जा सके. इसके लिए नक्सल के टॉप कमांडर्स की संम्पत्ति और उसके स्त्रोत का डोजियर तैयार किया जा रहा है. गृहमंत्रालय की रिपोर्ट में नक्सलियों के दोहरे चरित्र और मानदंड का खुलासा हुआ है.
ग्रह मंत्रालय की नक्सल विंग को मिली रिपोर्ट के मुताबिक नक्सलियों के कमांडर ने उगाही, लेवी, तेंदू पत्ता के जरिये हर साल करोड़ो रूपये कमाए हैं और खुद के लिए बड़ी संपत्ति बनाई है. जबकि नक्सल कमांडर गरीबों के विकास और रोज़गार के लिए सरकारी योजनाओं का विरोध करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक गरीबों के बच्चों को ज़बरदस्ती नक्सली बना कर हथियार उठाने के लिए मज़बूर करने वाले कमांडरों के अपने बच्चे महंगे स्कूलों में तालीम पाते हैं. नक्सली अपने बच्चों को बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते हैं.
वहीं नक्सली प्रदद्युम्न शर्मा ने अपनी भतीजी का एडमिशन मेडिकल कॉलेज के कराने के लिए 22 लाख रुपये डोनेशन में दिया है जबकि नक्सल कमांडर अरविंद यादव ने अपने भाई का इंजीनियरिंग कॉलेज के एडमिशन के लिये 12 लाख का डोनेशन दिया.
ऐसे कमांडरों के खिलाफ ईडी ने अब तक 4 मामले दर्ज किए हैं जिसमें नक्सली संदीप यादव, प्रद्युम्न शर्मा, विनय यादव और मुसाफिर साहनी को आरोपी बनाया गया है. ईडी ने करीब डेढ़ करोड़ की इनकी संम्पत्ति जब्त की, है. वहीं 1 करोड़ 45 लाख कैश, 32 एकड़ जमीन, 2 बस, 11 एसयूवी और कार, 2 ट्रैक्टर और एक जेसीबी मशीन जब्त की है.
दरअसल ये सारे कदम गृह मंत्रालय और सरकार की दूसरी एजेंसियां नक्सलियों के फंडिंग को रोकने के लिए कर रही है ताकि उनकी कार्यवाही पर नकेल कसी जा सके. इस दिशा में सरकार को बड़ी कामयाबी तब मिली जब नक्सलियों के प्रभाव वाला रेड कॉरिडोर सिकुड़ कर सिर्फ 45 जिलों में रह गया है. हाल के दिनों में सरकार की कोशिश है कि जिस तरीके से रेड कॉरिडोर सिकुड़ता जा रहा है आगे की कार्यवाही में नक्सलियों पूरी तरीके से उनकी कमर तोड़ी जा सके.