नई दिल्ली: एक के बाद एक वायरल हो रहे शिकायत वाले वीडियो से सरकार हिल गई है. गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों के जवानों के सोशल मीडिया पर वीडियो और निजी तस्वीरें डालने पर रोक लगा दी है. वहीं, सेनाध्यक्ष बिपिन रावत ने कहा है कि सेना में स्मार्टफोन पर रोक नहीं लगाई जाएगी. इससे पहले खबर थी की सेना में भी स्मार्टफोन पर बैन लग सकता है.


अर्धसैनिक बलों के लिए सोशल मीडिया बैन


दरअसल जवानों को सोशल मीडिया के इस्तेमाल में एहितयात बरतने के लिए गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है. ताकि देश की सुरक्षा और जवानों के मनोबल पर कोई असर न हो. गृह मंत्रालय ने कहा है कि अर्धसैनिक बलों के जवानों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने से पहले डीजी से इजाजत लेनी होगी.


जवानों की शिक़ायतों का हो निपटारा- सरकार


वहीं सरकार ने जवानों की शिक़ायत के निपटारे के लिए बने सेल की जानकारी को जवानों तक पहुंचाने के लिए भी सभी प्रामिलिट्री फ़ोर्स को निर्देश दे दिए हैं. शिकायतों की निष्पक्ष जांच के बाद उन्हें तत्काल निपटाया जाएगा.



सेना में स्मार्टफोन पर पाबंदी नहीं- सेनाध्यक्ष


सेनाध्यक्ष बिपन रावत ने कहा है कि सेना में स्मार्टफोन प्रयोग करने पर कोई रोक नहीं लगाई जाएगी. बिपिन रावत ने साफ किया है कि सिर्फ एलओसी से सटी पोस्ट पर स्मार्टफोन का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा. इससे पहले खबर थी कि सेना की कई यूनिट्स में स्मार्ट फोन पर पाबंदी लगा दी गई है. बिपिन रावत ने स्मार्टफोन पर बैन लगाने संबंधि खबरों का खंडन किया है.


गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों के लिए क्यों लिया यह फैसला


बता दें कि पिछले कई दिनों से सेना की जवानों ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अधिकारियों और सुविधाओं को लेकर शिकायत की है. इनमें सबसे पहले बीएसएफ के जवान तेज बहादुर ने खराब खाना मिलने, सीआरपीएफ के जवान जीत सिंह ने सुविधाएं न मिलने, एसएसबी के एक जवान ने अधिकारियों पर तेल और राशन बेचने और सेना के जवान युग प्रताप सिंह ने घरों में अफसरों की तरफ से निजी कार्य कराने जैसे आरोप लगाए हैं.



यहा पढ़ें किस जवान ने क्या आरोप लगाए हैं-

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