निर्भया मामलाः दोषी विनय शर्मा की दया याचिका गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन को भेजी, याचिका खारिज करने की मांग की
निर्भया मामले में दोषी विनय शर्मा की दया याचिका की फाइल पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास आई थी और अब गृह मंत्रालय से ये फाइल राष्ट्रपति भवन को भेजी जा चुकी है.
नई दिल्लीः सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक निर्भया मामले में दोषी विनय शर्मा की दया याचिका की फाइल राष्ट्रपति भवन को मिल गयी है लेकिन इस पर फैसला बाद में होगा. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अभी दौरे पर हैं और उनके वापस आने के बाद ही दोषी विनय शर्मा की दया याचिका पर कोई फैसला लिया जाएगा.
निर्भया मामले की फाइल पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास आई थी और अब गृह मंत्रालय से ये फाइल राष्ट्रपति भवन को भेजी जा चुकी है. सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने को कहा है. बता दें कि तिहाड़ जेल में बंद सभी दोषियों में से विनय शर्मा ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई थी जिसकी कॉपी दिल्ली सरकार को भेजी गई थी. हालांकि पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने विनय शर्मा को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार कर दिया था और इसके बाद ये दया याचिका की फाइल गृह मंत्रालय को भेजी गई थी.
इस मामले में बाकी तीनों दोषियों अक्षय, पवन और मुकेश ने अभी तक राष्ट्रपति के सामने दया याचिका नहीं लगाई है. एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में ही खुदकुशी कर ली थी जबकि छठा नाबालिग दोषी सजा पूरी करके बाहर आ चुका है.
वहीं निर्भया के माता-पिता ने राष्ट्रपति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र दिया है जिसमें दोषी विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की मांग की है. इस पत्र में कहा गया है कि दया याचिका जानबूझकर मौत की सजा टालने का प्रयास है और इससे इंसाफ के प्रसार को नुकसान होगा.
2012 में हुआ था निर्भया कांड 16 दिसंबर, 2012 को दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक प्राइवेट बस में अपने एक दोस्त के साथ चढ़ी 23 साल की पैरा मेडिकल छात्रा के साथ एक नाबालिग सहित छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप और लोहे के रॉड से क्रूरतम आघात किया गया था. इसके बाद गंभीर रूप से घायल पीड़िता और उसके पुरुष साथी को चलती बस से महिपालपुर में बस से नीचे फेंक दिया गया था. पीड़िता की बाद में इलाज के दौरान मौत हो गई. इस गैंगरेप की घटना ने देश को हिला कर रख दिया था.