नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने लोकसभा में वीर सावरकर को भारत रत्न देने के सवाल के जवाब में कहा है कि भारत रत्न देने के लिए बहुत सारे सिफारशी पत्र उसे प्राप्त हुए हैं. हालांकि भारत रत्न देने के लिए गृह मंत्रालय खुद में सक्षम है और उसे किसी सिफारिश की पत्र की आवश्यकता नहीं है.


लोकसभा में इस संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में सरकार ने कहा कि वीर सावरकर को भारत रत्न देने को लेकर किसी भी सिफारिश पत्र की आवश्यकता नहीं है. गृह मंत्रालय ने सदन को जानकारी देते हुए बताया है कि भारत रत्न सम्मान के लिए अलग-अलग वर्गों की ओर से अक्सर सिफारिशें आती रहती हैं, लेकिन इसके लिए किसी औपचारिक सिफारिश की जरूरत नहीं होती. भारत रत्न को लेकर समय-समय पर फैसले होते रहते हैं.


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भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. हर साल देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इसके लिए एक नाम की स्वीकृति करते हैं. इस साल हुए महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर वह स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को भारत रत्न देने की सिफारिश करेगी. फिलहाल महाराष्ट्र में अभी तक सरकार का गठन नहीं हो पाया है. उसकी वजह शिवसेना ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री के फॉर्मूले पर अड़ी हुई है.


आपको बता दें कि विनायक दामोदर सावरकर हिंदू महासभा से जुड़े थे और अपने हिंदुत्व के विचारों को लेकर उन्हें ख्याति हासिल है. महाराष्ट्र में वीर सावरकर का नाम बहुत सम्मान से लिया जाता है. खासतौर पर हिंदुत्व की विचारधारा से जुड़े राजनीतिक और सामाजिक दल सावरकर को अपना एक बड़ा आदर्श भी मानते आए हैं.


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