केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि एक योग्य होम्योपैथिक डॉक्टर कोविड-19 मरीजों के लिए निवारक और रोगनिरोधी होम्योपैथी दवाएं प्रिस्क्राइब और वितरित कर सकता है. जज एन. नागरेश ने कहा कि होम्योपैथिक डॉक्टर कोविड-19 जैसी बीमारी के लिए होम्योपैथी दवाओं का भी उपयोग कर सकते हैं. कोर्ट ने एक होम्योपैथिक डॉक्टर की याचिका को स्वीकार करते हुए कहा कि होम्योपैथिक दवा कोविड-19 के मामलों में कारगर साबित हो सकते है. ऐसे में डॉक्टर्स दवाएं लिख सकते हैं. लेकिन, सुझाई गई दवा अस्पताल के अधिकारियों की जानकारी में भी होनी चाहिए. साथ ही साथ मरीजों को भी दवा के बारे में अवगत कराना जरूरी है. 


कोर्ट ने तिरुवनंतपुरम से जयप्रसाद करुणाकरण द्वारा दायर एक रिट याचिका पर अपना फैसला सुनाया. याचिकाकर्ता के अनुसार, उन्हें स्वास्थ्य अधिकारियों ने कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने से रोका था. कोर्ट ने आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों और होम्योपैथ द्वारा कोविड-19 के लक्षण प्रबंधन और रोकथाम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का हवाला दिया. कोर्ट ने आदेश दिया कि आयुष मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के अनुसार याचिकाकर्ता को होम्योपैथी का प्रैक्टिस करने से रोका ना जाए.


आयुर्वेदिक दवा 'आयुष 64' कोविड मरीजों के लिए कारगर 


इससे पहले आयुष मंत्रालय ने कहा था कि आयुर्वेदिक दवा 'आयुष 64' हल्के और मध्यम श्रेणी के लक्षण वाले कोविड मरीजों के लिए बहुत कारगर है. आयुष मंत्रालय के मुताबिक, आयुष 64 दवा हल्के और मध्यम श्रेणी के कोविड मरीजो के इलाज में काफी फायदेमंद है. यहां तक कि एसिमटेमेटिक मरीजों में भी बहुत फायदेमंद है. मंत्रालय ने सीएसआईआर, आईसीएमआर के निगरानी में आयुष 64 की देश के अलग अलग अस्पतालों में 140 मरीजों पर अध्ययन कराया गया है. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि मरीजों की रिकवरी जल्दी हुई है और उनकी आरटी/पीसीआर टेस्ट नेगेटिव जल्दी हुआ है.


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