(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
धारा 377: RSS ने कहा- समलैंगिकता अपराध नहीं, लेकिन समलैंगिक विवाह अप्राकृतिक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तरह हम भी समलैंगिकता को अपराध नहीं मानते हैं.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने आज कहा कि समलैंगिकता अपराध नहीं है लेकिन समलैंगिक विवाह अप्राकृतिक है. उसकी यह टिप्पणी तब आई है जब सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एकमत से कहा कि समलैंगिक यौन संबंध अपराध नहीं है. अदालत का यह फैसला देश में समलैंगिक व ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए बड़ी जीत माना जा रहा है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने एक बयान में कहा, ‘‘सुप्रीम कोर्ट के फैसले की तरह हम भी इसे (समलैंगिकता) अपराध नहीं मानते.’’ हालांकि उन्होंने संघ के पुराने रुख को दोहराते हुए कहा कि समलैंगिक विवाह और ऐसे संबंध ‘‘प्रकृति के साथ संगत’’ नहीं होते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ये संबंध प्राकृतिक नहीं होते इसलिए हम इस तरह के संबंध का समर्थन नहीं करते.’’
धारा 377: SC का ऐतिहासिक फैसला, समलैंगिक संबंध अपराध नहीं, दो व्यस्क बना सकते हैं संबंध
उन्होंने दावा किया कि भारतीय समाज ‘‘पारंपरिक तौर पर ऐसे संबंधों को मान्यता नहीं देता है.’’ कुमार ने कहा कि मनुष्य आमतौर पर अनुभवों से सीखता है इसलिए इस विषय पर चर्चा की जरुरत है और इसके सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्तर से निपटने की जरुरत है.
Section 377: सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चेतन भगत- विविधता को अपनाना ही हर भारतीय की पहचान