नई दिल्ली: राम रहीम पर फैसला आने के बाद से फरार उसकी सबसे बड़ी राजदार हनीप्रीत ने अब सफाई पेश की है. मीडिया के सामने हनीप्रीत ने कहा कि वो निर्दोष है. हिन्दी न्यूज़ चैनल आज तक को दिए इंटरव्यू में हनीप्रीत ने कहा कि जैसा दिखाया जा रहा है मैं वैसी बिल्कुल नहीं हूं. हनीप्रीत का कहना है कि हम खुशी-खुशी कोर्ट गए थे. हमें लगा था कि शाम में वापस आएंगे लेकिन कोर्ट के फैसेले के बाद दिमाग ने काम करना बंद कर दिया.


यहां पढ़ें इंटरव्यू में पूछे गए सवाल और हनीप्रीत के जवाब


सवाल- पूरे मसले पर आप क्या कहना चाहेंगी?
हनीप्रीत- जिस हनीप्रीत को आपने दिखाया है, वो हनीप्रीत ऐसी नहीं है. उसे ऐसे दिखाया गया है कि उससे मैं खुद डरने लगी हूं. मैं अपनी मेंटल स्थिति बयां नहीं कर सकती हूं. मुझे देशद्रोही कहा गया है, जो बिल्कुल गलत है. अपने पापा के साथ एक बेटी कोर्ट में जाती है, ऐसा बिना परमिशन के संभव नहीं है.


सवाल- आप पर साजिश रचने का आरोप है. क्या आप खुद को बेगुनाह मानती हैं?
हनीप्रीत- एक लड़की इतनी फोर्स के बीच अकेले बिना परमिशन के कैसे जा सकती है. इसके बाद कहा गया कि मैं गलत आई हूं. सारे सबूत दुनिया के सामने हैं. ऐसे में मैं कहां दंगे में शामिल थी. मेरे खिलाफ किसी के पास क्या सबूत है.


सवाल- ऐसा कहा जा रहा है हनीप्रीत बहुत बड़ी विलेन हैं? आप क्या कहना चाहती हैं?
हनीप्रीत- आपने पूरी स्थिति देखी है, मैं कहां गुनहगार हूं. मैंने बेटी का फर्ज अदा किया. मैंने कहां बोला है? मैं कहां किस दंगे में शामिल रही हूं? मैं तो खुशी-खुशी कोर्ट गई, ताकि शाम तक वापस आ जाएंगे लेकिन फैसला खिलाफ आ गया. हमारा तो दिमाग ही काम करना बंद कर दिया. ऐसे में हम क्या किसी के खिलाफ साजिश रच पाते.


सवाल- इस पूरे मामले में सवालिया निशान आपके और गुरुजी के रिश्तों पर लग रहे हैं?
हनीप्रीत- मुझे समझ में नहीं आता है कि बाप-बेटी के पवित्र रिश्ते को उछाला जा रहा है. मेरे मुख्य डर का कारण ही यही था कि हनीप्रीत को क्या प्रेजेंट किया. एक बाप-बेटी के रिश्ते को ऐसे तार-तार कर दिया. क्या एक बाप अपनी बेटी के सिर के उपर हाथ नहीं रख सकता है. क्या एक बेटी अपने बाप से प्यार नहीं कर सकती है.


सवाल- आपके डेरे के कुछ लोगों और विश्वास गुप्ता ने भी इल्जाम लगाए हैं?
हनीप्रीत- जो डेरे के खास लोग हैं, क्या वो खास हैं? मैं विश्वास गुप्ता के मुद्दे पर कोई बात नहीं करना चाहती हूं.


सवाल- आप पुलिस के सामने पेश क्यों नहीं होती हैं?
हनीप्रीत- आप मेरी कंडीशन समझिए, मैं डिप्रेशन में चली गई थी. जो लड़की अपने बाप के साथ देशभक्ति की बात करती थी, वो जेल में चले गए. फिर उस लड़की पर देशद्रोह का आरोप लगाया गया. मुझे कानून की प्रक्रिया का पता ही नहीं था. पापा के जाने के बाद मैं तो बेसहारा हो गई. मुझे लोगों ने जैसा गाइड किया मैंने वैसे ही किया. मैं हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट जाऊंगी. पीछे नहीं हटी लेकिन मेंटल स्थिति संभलने में थोड़ा टाइम लगता है.


सवाल- क्या गुरुजी को आप फिल्मों में लेकर आई थीं?
हनीप्रीत- नहीं ऐसा कुछ नहीं थी. मैं हीरोइन नहीं बनना चाहती थी. मैं हमेशा कहती थी कि मैं कैमरे के पीछे रहना चाहती हूं.


सवाल- डेरे में जो नरकंकाल की बात कही जा रही है और लड़कियों के यौन शौषण पर क्या कहती हैं?
हनीप्रीत- आप बताइए, क्या डेरे में नरकंकाल मिले? क्या आरोप लगाने वाली लड़कियां मिलीं? उन हजारों लड़कियों की बात अनसुनी करके सिर्फ एक खत के आधार पर किसी को कैसे गुनहगार ठहराया जा सकता है? मेरे पापा बेगुनाह हैं और आने वाले वक्त में बेगुनाह साबित होंगे.


सवाल- क्या आप कानूनी लड़ाई किस तरह लड़ेंगी?
हनीप्रीत- मुझे और मेरे पापा (राम रहीम) को न्याय पर पूरा भरोसा था. मुझे पूरा यकीन है कि हमें न्याय जरूर मिलेगा.


सवाल- आप इतने दिनों तक कहां रही थीं?
हनीप्रीत- मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं? मैं जहां पर भी रही. मैं कोशिश करके दिल्ली गई. अब मैं हरियाणा-पंजाब हाईकोर्ट में जाऊंगी.


सवाल- तो क्या आप सरेंडर करेंगी?
हनीप्रीत- मैं अभी कानूनी सलाह लूंगी.