Noida Authority: देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बेटे के सम्मान के लिए पूरे एक साल जंग लड़ने के बाद आखिरकार नोएडा एक्सटेंशन (Noida Extension) के गोल-चक्कर को मेजर रोहित (Major Rohit) के नाम कर दिया गया है. 2 अक्टूबर यानि गांधी जयंती के मौके पर नोएडा (Noida) के स्थानीय प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ऐस सिटी सोसायटी के गोल चक्कर का नामकरण किया गया.


रविवार को मेजर रोहित‌ कुमार के परिवार के सदस्य, स्थानीय सांसद डॉ. महेश शर्मा, विधायक धीरेन्द्र सिंह और तेजपाल नागर और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों की मौजूदगी में गोलचक्कर का नाम 'मेजर रोहित कुमार, ऐमनाबाद' किया गया और उनके नाम की शिलापट का अनावरण हुआ. इस मौके पर मेजर रोहित को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई. इस दौरान मेजर रोहित‌ की यूनिट के साथी-सैनिक और बड़ी संख्या में स्थानीय निवासी मौजूद रहे.


कौन थे मेजर रोहित?
मेजर रोहित कुमार भारतीय सेना की एविएशन कोर में हेलीकॉप्टर पायलट थे. पिछले साल यानि 21 सितंबर 2021 को जम्मू-कश्मीर के पटनीटॉप में हेलीकॉप्टर क्रैश में मेजर रोहित अपने साथी पायलट मेजर अनुज राजपूत के साथ वीरगति को प्राप्त हो गए थे. मेजर रोहित ग्रेटर नोएडा (वेस्ट) की ऐस-सिटी सोसायटी के रहने वाले थे. सोसायटी में उनके माता-पिता, पत्नी और एक दो साल की बेटी रहते थे.


मेजर रोहित की मौत एक ऑपरेशनल मिशन में हुई थी इसलिए उनके परिवार वाले और सोसायटी के निवासियों ने ऐस-सिटी के राउंड-अबाउट का नाम उनके नाम पर करने की अपील की थी. स्थानीय विधायक और सांसदों तक ने इस कार्य में परिवार का सहयोग किया था.


नोएड़ा अथॉरिटी क्यों कर रही थी अनाकानी?
यहां तक की मेजर रोहित की यूनिट के कमांडिग ऑफिसर तक ने अथॉरिटी के सीईओ को चिठ्ठी लिखकर मेजर रोहित को सम्मान देने का आग्रह किया था. अपनी चिठ्ठी में कमांडिंग ऑफिसर ने साफ लिखा था कि देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों के स्मारक युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का काम करते हैं. लेकिन पिछले 11 महीने से ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी नाम बदलने में आनाकानी कर रही थी.


दवाब पड़ने पर अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि उनके पास ऐसी कोई पॉलिसी यानि नीति नहीं है कि किसी सैनिक के नाम पर गोलचक्कर का नामकरण कर दिया जाए. ये सुनकर मेजर रोहित के परिवार और शुभचिंतकों को गहरा धक्का लगा और उन्होनें सड़क पर कैंडल-मार्च निकाला.


परिजनों ने दी थी अनशन की चेतावनी
इसके अलावा परिवार ने मेजर रोहित की पहली बरसी (21 सिंतबर 2022) से ऐस-सिटी गोलचक्कर पर शांतिपूर्वक अनशन करने की चेतावनी दी. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री कार्यालय को भी मामले से अवगत कराया. तब जाकर अथॉरिटी ने मेजर रोहित के नाम पर गोलचक्कर का नाम बदलने की मंजूरी दी.


मेजर रोहित के (Major Rohit) सम्मान की लड़ाई लडने वाले ऐस सिटी निवासी, नवनीत चौहान के मुताबिक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इस तरह की पॉलिसी का ना होना इस मांग को पूरा करने में बड़ी चुनौती थी. लेकिन अब यह नीति निर्धारित हो गई है तो आने वाले समय मे इस तरह के प्रेरणा स्मारक बनाने में प्राधिकरण को भी आसानी होगी.


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