डॉक्टर्स-नर्स को मिली ट्रेनिंग, आग की घटना से बचाव के लिए किया जा रहा प्रशिक्षित
अस्पतालों में अगर भंडारा जैसा कोई हादसा होता है तो आपातकालीन स्थिति में अस्पताल मरीजों को बड़ी घटना का शिकार होने से कैसे बचा सकते हैं, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है.
मुंबई: भंडारा जिला प्रशासन अस्पताल में हुई आग की घटना को देखते हुए बीएमसी फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर सरकारी अस्पतालों को ट्रेनिंग देना का काम कर रही है. मुंबई के सरकारी अस्पतालों में मॉक ड्रिल के जरिए अस्पताल के डॉक्टर्स, नर्स और अन्य स्टाफ को फायर ब्रिगेड प्रशिक्षित कर रहा है.
अस्पतालों में अगर भंडारा जैसा कोई हादसा होता है तो आपातकालीन स्थिति में अस्पताल मरीजों को बड़ी घटना का शिकार होने से कैसे बचा सकते हैं, इसकी ट्रेनिंग दी जा रही है. बीएमसी और फायर ब्रिगेड दोनों मिलकर मुंबई के सभी अस्पतालों में डॉक्टर्स और अन्य स्टाफ को ट्रेनिंग दे रही है.
मॉक ड्रिल की शुरुआत आज मुंबई महापालिका के राजवाड़ी अस्पताल से की गई. जहां डॉक्टर्स को आग के समय/आपातकालीन स्थिति में क्या करना है, कैसे आग से निपटना है उसकी ट्रेनिंग दी गई. पहले दिन नायर, कूपर और शताब्दी अस्पताल में मॉक ड्रिल किया गया. वहीं 23 जनवरी को सायन और केईएम अस्पताल के डॉक्टर्स को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग सफल होने पर इस तरह के मॉक ड्रिल बड़े पैमाने पर मुंबई के सभी सरकारी अस्पतालों में किए जाएंगे.
राजवाड़ी अस्पताल में डॉक्टर्स और नर्स को फायर की ट्रेनिंग दे रहे चीफ फायर डिविशनल ऑफिसर मयंकर का कहना है कि भंडारा जिला अस्पताल में जो हादसा हुआ है, उससे सीख लेना जरूरी है. इसलिए हमने सभी सरकारी अस्पतालों का पहले मुआयना किया, उसके बाद हालातों को देखते हुए ट्रेनिंग के बारे में सोचा. डॉक्टर्स, नर्स को प्रशिक्षित करना बेहद जरूरी है क्योंकि हमारे बड़े बुजुर्ग, बच्चों के सबसे पास हमारे हेल्थ वर्कर्स ही मौजूद होते हैं.
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