भोपाल: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जिस लिफ्ट में सवार थे वो लिफ्ट गिर गई. दरअसल, रविवार को कमलनाथ इंदौर के डीएनएस अस्पताल पहुंचे थे. वे कांग्रेस के सीनियर नेता रामेश्वर पटेल का हाल चाल जानने वहां पहुंचे थे. कमलनाथ अस्पताल के तीसरे मंजिल पर जा रहे थे तभी लिफ्ट गिर गई. हालांकि, इस लिफ्ट में कमलनाथ के साथ सवार दूसरे सभी नेता सुरक्षित हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं.


मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश के अनुसार कलेक्टर द्वारा डीएनएस हास्पिटल में लिफ़्ट दुर्घटना की जांच कराई जाएगी. कलेक्टर मनीष सिंह ने आज डीएनएस हास्पिटल में लिफ़्ट की ख़राबी और दुर्घटना पर मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं. कलेक्टर द्वारा एडीएम मुख्यालय श्री हिमांशु चंद्र को जांच के लिए आदेशित किया गया है.


कांग्रेस ने की कार्रवाई की मांग


कांग्रेस के मुताबिक, ये अस्पताल हाल ही में बनकर तैयार हुआ है. पार्टी ने कहा कि एक बड़ा हादसा होते-होते टला. ओवरलोड होती तो लिफ्ट नहीं चलती लेकिन लिफ्ट नीचे गिर गई. लिफ्ट का दरवाजा लॉक हो गया. पांच मिनट बाद उसे खोला गया. ये एक गंभीर लापरवाही है. ये सुरक्षा में खामी है. इसके पीछे जो भी दोषी हैं उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.


जीतू पटवारी ने क्या कहा?


मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक जीतू पटवारी ने भी इस चूक की जांच की मांग की. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "आज इंदौर में कमलनाथ जी की सुरक्षा में हुई चूक की जांच होना चाहिए...ईश्वर की असीम कृपा वह सुरक्षित हैं लेकिन चूक जांच का विषय अवश्य है..."


अस्पताल का बयान


उधर, डीएनएस हॉस्पिटल के एक अधिकारी ने लिफ्ट गिरने की बात से इनकार करते हुए कहा कि क्षमता से ज्यादा लोगों के सवार होने से यह ऊपर जाने के बजाय अचानक नीचे की ओर जाकर बेसमेंट में पहुंच गई. अधिकारी के मुताबिक हादसे के वक्त लिफ्ट में कमलनाथ समेत 13-14 लोग सवार थे. उन्होंने कहा, "लिफ्ट के नीचे की तरफ जाने के बाद लिफ्टमैन इसे बेसमेंट में ले गया और इसमें सवार कमलनाथ और दूसरे लोगों को बाहर निकाला. ये लोग बेसमेंट से सीढ़ियां चढ़कर अस्पताल की ऊपरी मंजिल पर पहुंचे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल के हाल-चाल जानने के बाद दूसरी लिफ्ट से नीचे उतरकर अगले पड़ाव की ओर रवाना हुए."


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