नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में अस्पताल संचालक का बेटा गिरफ्तार, कोर्ट में जाने से पहले पुलिस ने पकड़ा
आरोपी हरकरण सिंह मोखा अपने वकील की मदद से सीधे कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में था लेकिन पुलिस ने उसकी चाल कामयाब नहीं होने दी.
जबलपुर: नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में फरार चल रहे सिटी अस्पताल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के बड़े बेटे हरकरण सिंह मोखा को सोमवार को एसआईटी ने फिल्मी अंदाज में जिला न्यायालय परिसर से गिरफ्तार कर लिया. हरकरण की तलाश में पुलिस पिछले कई दिनों से जबलपुर समेत अन्य शहरों और राज्यों में संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही थी.
बताया जा रहा है कि हरकरण अपने वकील की मदद से सीधे कोर्ट में सरेंडर करने की फिराक में था. जिसकी भनक पुलिस को भी लग गई थी. इसलिए पुलिस पहले से ही तैयार थी. ‘गंगाजल’ फिल्म के एक सीन की तरह हरकरण जैसे ही कोर्ट परिसर में अपनी कार से उतरकर अंदर जाने लगा, वैसे ही एसआईटी की टीम ने उसे दौड़कर दबोच लिया.
हरकरण लंबे समय से एसआईटी की आंखों पर धूल झोंककर फरार था. हरकरण के पकड़े जाने के बाद नकली इंजेक्शन मामले में कई और अहम खुलासे हो सकते हैं. इस मामले में उसके माता-पिता दोनों जेल में हैं.
बता दें कि गुजरात के सूरत से बड़े पैमाने पर नकली रेमडेसिविर मध्य प्रदेश के अस्पतालों में पहुंचे थे. जबलपुर के इस अस्पताल में भी नकली इंजेक्शन की खेप पहुंची थी. इसी मामले में अस्पताल संचालक और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
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