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दिल्ली में कोविड-19 वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स को संभालेंगे नोडल ऑफिसर
राजधानी दिल्ली में कोविड-19 टीकाकरण के ड्राई रन का तीसरा चरण पूरा हो गया. सरकार ने प्रतिकूल प्रभाव की स्थिति से निबटने के लिए अस्पतालों में नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करने को कहा है.
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण का ड्राई रन पूरा होने के साथ सभी सरकारी अस्पतालों में विशेष तैयारी की गई है. टीकाकरण के बाद होनेवाले किसी प्रतिकूल प्रभाव को तुरंत संभालने के लिए सरकार ने नोडल ऑफिसर की नियुक्ति करने को कहा है. शुक्रवार को तीसरे चरण का ड्राई रन निजी और सरकारी अस्पतालों के 150 टीकाकरण बूथ पर पूरा हुआ.
कोविड-19 टीकाकरण के ड्राई रन का तीसरा चरण दिल्ली में पूरा
अधिकारियों ने ड्राई रन के नतीजे को संतोषजनक बताया है. हर सेंटर पर 25 लोगों को सत्यापन के बाद डोज दिया गया और 30 मिनट तक मॉनिटरिंग की गई. एक सूत्र ने बताया कि कुछ जगहों पर शुरू में भीड़ बढ़ी मगर जल्द ही स्थिति पर नियंत्रण कर लिया गया. राजधानी में 48 सरकारी और 100 निजी अस्पतालों में 1000 हजार टीकाकरण बूथ बनाए गए हैं, जहां रोजाना एक लाख लोगों को वैक्सीन का डोज दिए जाने की उम्मीद है. हर बूथ का प्रबंध 5 वैक्सीनेशन अधिकारी करेंगे.
सरकार ने अस्पतालों में नोडल ऑफिसर नियुक्त करने को कहा
उनका काम किसी शख्स में प्रतिकूल लक्षण आने पर तत्काल अस्पताल पहुंचाने का होगा. इन अधिकारियों के ऊपर एक नोडल ऑफिसर नियुक्त होगा. मेडिकल अधीक्षकों को ऐसी स्थिति से तत्काल निबटने के लिए नियुक्त नोडल ऑफिसर की पहचान करने का आदेश दिया गया है. दिल्ली सरकार ने टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव प्रबंधन किट, दक्ष स्टाफ और एनाफिलेक्सिस किट भी सुनिश्चित कराने को कहा है. ड्राई रन के दौरान कोविड-19 वैक्सीन और उसकी सुरक्षा के बारे में डोज लेनेवालों को जानकारी दी गई. उन्हें ये भी बताया कि टीकाकरण के बाद फेस मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग नियमों का पालन करना होगा. ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोविडशील्ड और कोवैक्सीन की मंजूरी दी है.
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