भरतपुर: राजस्थान के भरतपुर जिले के नरहपुर-नीमली, सुहारी, भुसावर सहित आसपास के गांव में लगी बोरिंग से से खोलता पानी निकलता है. इतना ही नहीं लोग इस पानी का इस्तेमाल चाय बनाने में और चावल उबालने में लेते हैं. लोगों का कहना है कि बोरिंग का पानी अगर किसी के हाथ पर सीधा गिर जाए तो उसके हाथ पर फोड़ा हो जाता है. इसलिए गांव के किसान पहले गर्म पानी को होदनुमा पोखर में ठण्डा करते हैं. उसके बाद फसल में देते हैं.
नरहपुर गांव में रहने वाली गरसोदेवी ने बताया कि नरहपुर इलाके में करीब 40 से 50 बोरिंग है. जिससे भरी ठंड में भी खोलता हुआ पानी निकलता है. साथ ही उसका फसल में उपयोग करना भी कठिन है. पानी को ठण्डा करके फसल में दिया जाता है. मीणा की ढाणी में रहने वाली महिला विमला मीणा ने बताया कि यहां लगी समस्त बोरिंग में गर्म पानी आता है. जिससे चाय बन जाती है और चावल भी उबल जाते हैं.
वहीं लुपिन के अतिरिक्त सीपीएम डॉ भीमसिंह ने बताया कि भरतपुर जिले में कई स्थान पर जमीन से गर्म पानी निकलता है. नरहपुर, सुहारी, मन्नू वाली, कारवान और मीणा की ढाणी गांव से बोरिंग में गर्म पानी निकलता है. जिसका सीधा उपयोग करना फसल को नुकसान दायक है. लुपिन के अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता से इस बारे में चर्चा की जाएगी. जिसके बाद सर्वे कराके किसान की मदद कर गर्म पानी को ठण्डा पानी करने का प्रशिक्षण दिलाया जाऐगा.
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