(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जीएसटी काउंसिल की बैठक: पूरी हो सकती है होटल इंडस्ट्री की मांग, ऑटो सेक्टर को राहत के आसार कम
ये बैठक ऐसे समय में हो रही है जब आर्थिक वृद्धि दर पहली तिमाही में 5 फीसदी पर आ गई है. यह पिछले छह साल से ज्यादा वक्त में न्यूनतम स्तर है.
नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक में आज फिटमेंट कमेटी की सिफारिशों पर आखिरी फैसला लिया जाएगा. आर्थिक विकास की सुस्त रफ्तार के चलते कई सेक्टर टैक्स घटाने की मांग कर रहे हैं. अप्रैल-जून में आर्थिक वृद्धि दर (जीडीपी ग्रोथ रेट) घटकर पांच फीसदी पर आ गई. यह पिछले छह साल से ज्यादा वक्त में न्यूनतम स्तर है. पिछले एक महीने में सरकार ने ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए कई ऐलान भी किए.
होटल इंडस्ट्री को जीएसटी में राहत मिल सकती है. जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट कमेटी ने 18% टैक्स के लिए रूम टैरिफ का दायरा बढ़ाकर 12,000 रुपए करने की सिफारिश की है. अभी प्रति रात 7,500 रुपए तक टैरिफ वाले कमरे के किराए पर 18% और इससे ज्यादा पर 28% जीएसटी लगता है. हालांकि, कमेटी ने ऑटो और बिस्किट इंडस्ट्री की जीएसटी घटाने की मांग खारिज कर दी. आखिरी फैसला जीएसटी काउसिंल लेगी.
बता दें कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट और कृषि उत्पादन की सुस्ती से जीडीपी वृद्धि में यह गिरावट आई है. कृषि विकास दर पिछले साल के 5.1 फीसदी के मुकाबले 2 फीसदी पर आ गई है. वहीं मैन्युफैक्चरिंग में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. पिछले साल मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में ग्रोथ रेट 12.1 फीसदी थी जो अब घटकर 0.6 फीसदी पर आ गई है. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़ों में यह जानकारी दी गयी है.
इससे पहले वित्त वर्ष 2012-13 की जनवरी से मार्च अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि दर सबसे निचले स्तर 4.9 फीसदी पर रही थी. एक साल पहले 2018-19 की पहली तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर आठ फीसदी के उच्च स्तर पर थी. जबकि इससे पिछली तिमाही यानि जनवरी से मार्च 2019 में वृद्धि दर 5.8 फीसदी रही थी.
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