नई दिल्ली: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने बंगले में गृहप्रेवश के लिए तीन दिन के शिमला दौरे पर हैं. प्रियंका गांधी का यह बांगाल शिमला से 13 किलोमीटर दूर छरबड़ा में बना है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक प्रियंका गांधी के गृह प्रवेश के लिए तीन दिन विशेष पूजा अर्चना चलेगी, इसके लिए दक्षिण भारत से पंडितों को बुलाया गया है. प्रियंका गांधी रविवार को ही शिमला पहुंच गईं थीं. साल 2007 में प्रियंका ने छराबड़ा के समीप घने जंगल में घर बनाने की योजना बनाई थी.
महीने भर में ही कांग्रेस नेताओं ने उनके लिए जमीन तलाश कर ली. करीब साढ़े चार बीघा भूमि का घर बनाने के लिए चयन किया गया. भवन के नक्शे और कई औपचारिकताएं पूरी करने के बाद करीब साढ़े चार बीघा भूमि में भवन निर्माण का कार्य 2008 शुरू हुआ. साल 2011 में प्रियंका का आशियाना दो मंजिल के करीब बन चुका था कि तभी जमीन खरीदने के बाद इसके डिजाइन का काम कर रही देश की एक नामी कंस्ट्रक्शन कंपनी को भवन निर्माण से हटा दिया गया. प्रियंका को उस कंपनी का काम पसंद नहीं आया. मकान का सारा ढांचा गिरा दिया गया.
प्रियंका गांधी का यह बंगला विवादों में भी रहा है. दरअसल जिस जमीन पर यह बंगाल बना है कि उसकी पावर ऑफ अटॉर्नी हिमाचल कांग्रेस के नेता केहर सिंह खाची के नाम की गई है. बीजेपी विधायक सुरेश भारद्वाज ने इन सवालों को लेकर 2016 में गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भी लिखा था. आरोप के मुताबिक प्रियंका को मकान बनाने के लिए तत्कालीन हिमाचल सरकार ने लैंड रिफॉर्म्स एक्ट के सेक्शन 118 के तहत नियमों में ढील दी थी. इस सेक्शन के तहत हिमाचल से बाहर रहने वाले लोग जमीन नहीं खरीद सकते थे.
साल 2007 में इस जमीन की मार्केट कीमत करीब एक करोड़ रुपए बीघा थी जबकि प्रियंका गांधी को मकान बनाने के लिए 4 बीघा जमीन केवल 47 लाख रुपए में दी गई. इस मकान पर प्रियंका गांधी को हाईकोर्ट से नोटिस भी मिल चुका है. दरअसल ये जमीन अति महत्वपूर्ण रिट्रीट इलाके में हैं. ये रिट्रीट से महज 100 मीटर और कल्याणी हेलीपैड से महज 200 मी की दूरी पर है. इस जमीन पर नेवी अफसर देविंद्रजीत सिंह को सुरक्षा कारणों से कॉटेज बनाने से रोका जा चुका है. जिसके बाद नेवी अफसर ने इस जमीन को बेच दिया.