Bikaner-Guwahati Express Accident: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने पश्चिम बंगाल (West Bengal) के जलपाईगुड़ी (Jalpaiguri) जिले में बीकानेर-गुवाहाटी (Bikaner Guwahati) एक्सप्रेस ट्रेन के दुर्घटनास्थल का शुक्रवार को दौरा किया और कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट से पता चलता है कि लोकोमोटिव के उपकरण में कुछ खराबी थी. पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़़ी जिले में दोमोहानी के निकट गुरुवार को बीकानेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे और इनमें से कुछ डिब्बे पलट गए थे. हादसे में नौ लोगों की मौत हो गई और कम से कम 36 अन्य लोग घायल हो गए हैं.


रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि इंजन के उपकरण को पूरी तरह से खोलने के बाद ही हादसे के कारण का पता चल पाएगा. मंत्री ने अस्पताल में घायल यात्रियों से भी मुलाकात की. घटनास्थल का मुआयना करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, ''प्रारंभिक निष्कर्षों से ऐसा पता चलता है कि रेल-इंजन के किसी उपकरण में कोई खराबी थी, ट्रेन की रफ्तार या पटरियों में नहीं. उपकरण पर निशान होंगे. उसे खोलने और निशानों पर गौर करने के बाद ही हादसे का कारण पता चल पाएगा.'' उन्होंने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच जारी है.


रेल मंत्री ने कहा, ''हादसे की मूल वजह जल्द पता चल जाएगी. दुर्भाग्यपूर्ण घटना की जांच की जा रही है. हम मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं. अनुग्रह राशि के वितरण के संबंध में परिवारों के साथ बातचीत जारी है.''


बाद में अस्पताल में घायलों से मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार स्थिति पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा, ''मैं लगातार प्रधानमंत्री के संपर्क में हूं और उन्हें स्थिति से नियमित रूप से अवगत करा रहा हूं.''


इससे पूर्व दिन में पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की प्रमुख जन सम्पर्क अधिकारी (सीपीआरओ) गुनीत कौर ने बताया वैष्णव सुबह नौ बजकर 38 मिनट पर दोमोहानी रेलवे स्टेशन पहुंचे और दो मिनट के भीतर एक मोटर ट्रॉली पर घटनास्थल के लिए रवाना हो गए. कौर ने कहा, ''उन्होंने घटनास्थल पर पटरी और मरम्मत कार्यों की स्थिति का पता लगाने के लिए ट्रॉली से ही निरीक्षण किया. उन्होंने रेल-इंजन के ‘अंडरफ्रेम’ और उसके ‘ब्रेकिंग सिस्टम’ का भी गहन निरीक्षण किया.''


उन्होंने बताया कि हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर नौ हो गई है, जिनमें से तीन मृतकों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है. हादसे में 36 अन्य लोग घायल हुए हैं. इनमें से 23 लोगों का इलाज जलपाईगुड़़ी के ‘सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल’ में चल रहा है, जबकि उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज में छह लोग और मयनागुड़़ी ग्रामीण अस्पताल में सात लोग भर्ती हैं. उन्होंने बताया कि हादसा बृहस्पतिवार को शाम पांच बजे पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के अलीपुरदुआर संभाग में दोमोहानी के पास हुआ.


कौर ने  कहा, ''डिब्बों के पटरी से उतरने के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया है.'' उन्होंने बताया कि एनएफआर के महाप्रबंधक अंशुल गुप्ता बृहस्पतिवार देर रात 12 बजकर आठ मिनट पर मौके पर पहुंचे और ट्रेनों की आवाजाही को सामान्य करने के लिए वह पटरियों के जीर्णोद्धार कार्य की निगरानी कर रहे हैं. गुप्ता बृहस्पतिवार की रात और शुक्रवार को तड़के विभिन्न अस्पतालों में पहुंचे और घायलों की स्थिति के बारे में जानकारी हासिल की.


सीपीआरओ ने बताया कि फंसे हुए 290 यात्रियों को लेकर एक विशेष ट्रेन रात करीब नौ बजकर 50 मिनट पर घटनास्थल से गुवाहाटी के लिए रवाना हुई. विशेष पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जीपी सिंह ने ट्वीट करके उस विशेष ट्रेन के सुबह करीब साढ़े आठ बजे गुवाहाटी रेलवे स्टेशन पहुंचने की जानकारी दी.


एनएफआर ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा था कि हादसे के समय ट्रेन में 1,053 यात्री सवार थे. भारतीय रेलवे ने मृतक के परिजन को पांच-पांच लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के लिए एक-एक लाख रुपये और मामूली रूप से घायल यात्रियों के लिए 25-25 हजार रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है.


सीपीआरओ ने बताया कि शुक्रवार को कम से कम 10 ट्रेनों को रद्द किया गया है. कुछ ट्रेनों की सेवाएं उनके गंतव्य स्टेशनों से पहले ही समाप्त हो जाएंगी, जबकि कुछ ट्रेनों को उनके प्रस्थान स्टेशनों की बजाय दूसरे स्टेशनों से शुरू किया जाएगा. वहीं, लंबी दूरी वाली अन्य 10 ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है.


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