नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद बड़ा सवाल अब भी बना हुआ है कि आखिर सूबे का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? बहुमत से 8 सीट दूर बीजेपी का दावा है कि सरकार उसी की बनेगी. बीजेपी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बीएस येदुरप्पा बेंगलूरू में राज्यपाल वजुभाई वाला से मुलाकात की. जहां उन्होंने सरकार बनाने का दावा पेश किया. मुलाकात के बाद येदुरप्पा ने कहा कि राज्यपाल के फैसले का इंतजार है. सूत्रों के मुताबिक, येदुरप्पा कल मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं.


चल रहा है बहुमत के जुगाड़ का खेल


इस बीच खबर है कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के छह विधायक (कांग्रेस के चार लिंगायत विधायक और जेडीएस के दो विधायक) पार्टी के संपर्क में नहीं हैं. आज कांग्रेस पार्टी की विधायक दल की मीटिंग में भी शरीक नहीं हुए. ऐसे में ये कयास लगाए जा रहे हैं कि ये विधायक विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान गैर- हाजिर रह सकते हैं. यह खबर कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है.


'बीजेपी के छह MLA कांग्रेस के साथ'


ध्यान रहे की कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का आरोप लगा चुकी है. हालांकि गठबंधन का दावा है कि उसके पास सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत है और बीजेपी के छह विधायक उसके संपर्क में हैं. कांग्रेस नेता एमबी पाटिल ने कहा, ''हम सभी एक साथ हैं. सभी खबर झूठी है. बीजेपी के छह विधायक हमारे संपर्क में हैं.'' एक अन्य कांग्रेस नेता ने कहा कि हम जनता के फैसले की रक्षा करेंगे. बीजेपी गंदी राजनीति कर रही है. हमारे पास 118 सीटें हैं. हमें किसी की जरूरत नहीं है.


क्या है सीटों का समीकरण

आपको बता दें कि राज्य में सरकार बनाने के लिए अभी 112 सीटों की जरूरत है. बीजेपी ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के पास 115 (कांग्रेस-78 और जेडीएस-37) सीटें हैं. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), कर्नाटक जनता पार्टी (KPJP) और निर्दलीय ने एक-एक सीट पर जीत दर्ज की है. बीजेपी इन तीन विधायकों को भी मनाने में कामयाब रहती है तो भी वह मात्र 107 सीटों पर पहुंचेगी. हालांकि बीएसपी ने जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है ऐसे में बीएसपी विधायक का बीजेपी के साथ जाना मुश्किल है.



इसके साथ ही अगर अन्य दलों का विधायक बीजेपी को समर्थन देता है तो दल-बदल कानून के तहत उसकी सदस्यता जा सकती है. ऐसे में विधायकों की गैरमौजूदगी का फॉर्मूला बीजेपी को फायदा पहुंचा सकता है. यानि गायब रहने वाले विधायक अप्रत्यक्ष तौर पर बीजेपी को फायदा पहुंचा सकते हैं.


क्या कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस का गठबंधन जनादेश का अपमान है?


मौजूदा स्थिति के मुताबिक कांग्रेस-जेडीएस के अगर छह विधायक गायब रहते हैं तो विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए 109 सीटों की जरूरत होगी. इस स्थिति में भी बीजेपी बहुमत हासिल नहीं कर पाएगी. हालांकि गठबंधन के अन्य विधायक अगर बागी होते हैं तो बीजेपी की सरकार संभव है. लेकिन कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन इतनी आसानी से तो बीजेपी को सफल नहीं होने देगी. वह राज्यपाल की ओर से सरकार बनाने के लिए आमंत्रण नहीं मिलने पर कोर्ट का भी रास्ता अपना सकती है. दरअसल, बेंगलुरु में तू डाल-डाल तो मैं पात-पात का खेल जैसे हालात हैं.


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