नागरिकता संशोधन बिल को जेडीयू ने कैसे समर्थन दिया? जानिए- इनसाइड स्टोरी
जेडीयू के नार्थ ईस्ट के तीन यूनिट अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के नेताओं से सलाह ली गई. पवन वर्मा ने लोकसभा में जेडीयू के समर्थन देने के बाद नीतीश से संपर्क साधा था.
पटना: नागरिकता संशोधन बिल पर जेडीयू के संसदीय बोर्ड ने समर्थन देने का फैसला किया. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेता ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि जेडीयू के नार्थ ईस्ट के तीन यूनिट अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नागालैंड के नेताओं से सलाह ली गई. उनके सलाह पर जेडीयू के संसदीय बोर्ड ने समर्थन देने का फैसला लिया.
नागरिकता बिल पर पिछले साल जेडीयू की राष्ट्रीय परिषद में नागरिकता बिल पर उठे सवाल पर नीतीश के करीबी ने बताया, उस वक्त जो लोकसभा में बिल आया था उस हिसाब से पार्टी ने फैसला लिया था कि तीन सदस्यीय टीम असम जाए और फिर वहां के नेताओं से संपर्क कर इसपर राय ली जाए. पार्टी का उस वक्त ऐसा कोई स्टैंड नहीं था जिसे बदलने की बात हो रही है. नीतीश के करीबी ने बताया कि पार्टी के अंदर किसी ने नागरिकता बिल पर कोई सवाल नहीं उठाया था. विधानसभा में पत्रकारों से एनआरसी पर उठे सवाल पर नीतीश ने कहा था कि पार्टी के अंदर इसपर राय शुमारी हो रही है और फिर नार्थ ईस्ट के तीन यूनिट से पूछकर संसदीय बोर्ड ने फैलसा ले लिया.
बिहार सीएम के करीबी नेता ने कहा कि नीतीश से अगर किसी ने बात की होती तो वो पार्टी फोरम पर ज़रूर बात रखते. हालांकि पवन वर्मा ने लोकसभा में जेडीयू के समर्थन देने के बाद नीतीश से संपर्क साधा था. पर लोकसभा में समर्थन देने के बाद राज्यसभा में सर्मथन नहीं देना ये संभव नहीं था. नागरिकता संशोधन बिल अब पुराना बिल नहीं है बल्कि नए तरीके से लाया गया है. पार्टी ने समर्थन दे दिया है अब ये फैसला सबको मानना होगा. जो नेता विरोध कर रहे हैं उन्हें भी बात समझ जानी चाहिए.
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