Former Sports Minister Anurag Bhadauria: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और उत्तर प्रदेश के पूर्व खेल मंत्री अनुराग भदौरिया किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. अनुराग टेलिविज़न न्यूज़ चैनलों पर होने वाली बहसों पर अक्सर अपनी पार्टी का पक्ष ज़ोरदार तरीके से रखते हुए नज़र आते हैं. इसके अलावा वो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी बेहद एक्टिव रहते हैं और जनता से जुड़े मुद्दे बुलंद आवाज़ में उठाने का हुनर जानते हैं. 


अनुराग को उनकी हाज़िर जवाबी के लिए काफी पसंद किया जाता है. लेकिन ये बहुत कम लोगों को पता है कि अनुराग एक ऐसे खेल में भी माहिर है जिसे खेलने में अच्छे अच्छों का पसीना छूट जाता है. हम बात कर रहे हैं पोलो की. क्रिकेट प्रेमी देश में पोलो खेलने वाले अनुराग से आज एबीपी न्यूज ने कई मुद्दों पर बात की है. इसी दौरान उनसे पूछा गया कि आखिर उन्होंने अमीरों का खेल कहे जाने वाला गेम पोलो खेलना कहां से सीखा और ये खेल उन्हें इतना पसंद क्यों है?


चंबल में हुई थी परवरिश 


इस सवाल के जवाब में भदौरिया ने कहा कि इसकी शुरुआत उनके बचपन से ही हो गई थी. भदौरिया ने बताया कि उनकी परवरिश चंबल में हुई है. बचपन में वह जंगल में खेलते थे. वहीं उन्होंने घुड़सवारी करनी शुरू की. उन्होंने कहा कि घोड़े पर सवार होने का मौका मिलते ही सबसे पहले तो मैंने हॉर्स राइडिंग सिखी. इसके अलावा मुझे गिल्ली-डंड्डा खेलने का भी शौक था. यही वजह थी कि मेरा इंटेरेस्ट पोलो में बढ़ा. यह खेल मुझे बचपन के दो खेलों की याद दिलाता है. जो मैं अपने दोस्तों के साथ खेला करता था. 


उन्होंने पोलो को अमीरों का खेल कहे जाने पर कहा कि ये बिल्कुल जरूरी नहीं की जो अमीर हो उन्हें ही ये खेल खेलना चाहिए. किसी भी खेल को अच्छे से खेला जाना चाहिये. फिर चाहे खेलने वाला व्यक्ति कोई भी हो. 


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