Underworld Don Dawood Ibrahim: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी NIA अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Underworld don Dawood Ibrahim) और उसके करीबियों द्वारा किए जा रहे टेरर फ़ंडिंग (Terror Funding) मामले की जांच कर रही है. इस मामले की जांच के दौरान NIA ने कई दिनों तक पूछताछ के बाद छोटा शकील के जीजा आरिफ अबुबकर शेख़ उर्फ़ आरिफ़ भाईजान और उसके भाई शब्बिर अबूबकर शेख़ को गिरफ़्तार किया था.
दोनों पर आरोप है कि ये लोग मुंबई के पश्चिम उपनगर इलाके में दाऊद की D-कम्पनी के गैरक़ानूनी काम में संलिपत्त थे और आतंक को बढ़ावा देने में आर्थिक मदद करते थे. एक समय था जब आरिफ़ अपने साला यानी छोटा शकील के भारत के अंदर के जितने भी ओपरेशन होते थे उसका इंचार्ज हुआ करता था.
आरिफ़ को साल 2016 में मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी एक्स्टोर्शन सेल ने वसूली के आरोप में गिरफ़्तार किया था. आरिफ़ के साथ-साथ 9 लोगों को साल 2006 में दुबई से भारत डीपोर्ट किया गया था. इन पर साल 2003 में गुजरात के उस समय के गृहमंत्री हरेन पण्ड्या की हत्या का आरोप था. हालांकि उसे इस मामले में कोर्ट ने डिस्चार्ज कर दिया था जिसके बाद से ये कथित तौर से शकील के सम्पर्क में नहीं था और आम ज़िंदगी जी रहा था.
जब दाऊद को ग़ुस्सा आया था!
एजेंसी के सूत्रों ने बताया की साल 2019 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने दाऊद इब्राहिम के भतीजे रिज़वान कासकर को गिरफ़्तार किया था और जब इस बात की जानकारी पाकिस्तान में बैठे दाऊद इब्राहिम को मिली तब वो आग बबूला हो गया. उसने अपने लोगों को बहुत डांट लगाई. उसका कहना था कि उसके परिवार की नई पीढ़ी कैसे पुलिस के हत्थे चढ़ सकती है?
एजेंसियों के सूत्रों ने दावा किया, आरिफ़ भाईजान ने अपने नेटवर्क के माध्यम से दाऊद को बताया कि उसे 2 करोड़ रुपए चाहिए और वो सब मैनेज कर लेगा रिज़वान को भी छुड़वा लेगा. इसके बाद उसे पाकिस्तान से 50 लाख रुपए टोकन के रूप में भिजवाए गए. सूत्रों ने दावा करते हुए कहा कि, ये पैसे पाकिस्तान से सुरत आया और फिर वहां से वो पैसा मुंबई आया जहां पर आरिफ़ भाईजान को दिया गया. हालांकि, इस सबके बाद भी वो रिज़वान को छुड़वा नहीं पाया. NIA की जांच में यह भी आया कि वो भी एजेंसियों की रेडार पर था.
इसके बाद इसी मामले में NIA ने छोटा शकील के रिश्तेदार सलीम फ़्रूट को भी गिरफ़्तार किया. जांच में पता चला कि सलीम फ़्रूट दो साल पहले मलेशिया गया था और वहां से छुपकर पाकिस्तान पहुंचा था ताकि वो अंडरवर्ल्ड के अपने आकाओं से मिल सके. इसके अलावा ये भी पता चला कि, सलीम फ़्रूट को जब भी पाकिस्तान जाना होता था वो पहले किसी और देश में जाता है फिर वहां से अवैध रास्तों का इस्तेमाल कर पाकिस्तान पहुंच जाता है.
जांच में यह भी पता चला कि सलीम फ़्रूट की पत्नी के नाम पर दो इमारत दक्षिण मुंबई में हैं. वहीं, वसूली के नाम पर फ़्लैट लिए जाने का भी इस पर आरोप है. सूत्रों ने दावा किया, सलीम फ़्रूट अपने आपको एजेंसियों की रेडार से बचाने के लिए कई काम पत्नी के नाम पर किया करता था.
कौन है सलीम फ़्रूट?
पारिवारिक सम्बन्ध होने की वजह से सलीम फ़्रूट छोटा शकील का बेहद करीबी है. छोटा शकील उसे अपने बेटे की तरह समझता है. सलीम की शादी छोटा शकील की पत्नी की छोटी बहन से हुई है. सलीम के पिता उमर कुरेशि मुंबई के नल बाज़ार इलाक़े में फ़्रूट बेचते थे इसी वजह से सलीम को सलीम फ़्रूट नाम से सम्बोधित किया जाता है. इस गैंग में आने से पहले सलीम दुबई में भी फ़्रूट को एक्सपोर्ट करता था. दुबई और लंदन में इनका कार्यकाल है और दुबई में एक आलीशान बंगला भी है. सलीम पर वसूली के मामले भी दर्ज हैं.
क्या FIR है?
देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी NIA ने इसी साल के शुरुआत में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की थी जिसमें कहा था की ग्लोबल टेररिस्ट दाऊद इब्राहिम ने भारत को दहलाने के लिए एक स्पेशल यूनिट बनाई है जिसने भारत के बड़े नेता और व्यापारियों को निशाना बनाने की तैयारी की गई है. ऐसा करके वो देश की राजधानी दिल्ली और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत दूसरे शहरों में हिंसा फैलाना चाहते हैं. NIA ने यह मामला दाऊद इब्राहिम, अनिस इब्राहिम शेख़, छोटा शकील, ज़ावेध पटेल उर्फ़ ज़ावेध चिकना, टाइगर मेमन के ख़िलाफ़ दर्ज किया था.
NIA ने अपनी FIR में बताया कि दाऊद आर्म्स स्मगलिंग, नार्को टेरोरिसम, अंडरवर्ल्ड क्रिमिनल सिंडिकेट, मनी लोंड्रिंग, फ़ेक इंडियन करंसी, और ज़मीन हड़पना जैसे काम कर पैसे जमा करता है ताकि आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया जा सके. इसके लिए वो आतंकी संघटन लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, अल क़ायदा के साथ मिलकर भी काम करता है.
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