नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आज से सिरोलॉजिकल सर्वे के लिए सैंपल इकट्ठा करना शुरू कर दिया गया है. इस सर्वे के रिजल्ट से न सिर्फ कोरोना के अध्ययन और इससे लड़ने में मदद मिलेगी, बल्कि इसके हिसाब से स्वास्थ्य प्रणाली में भी बदलाव किया जाएगा.


दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन आने वाला राष्ट्रीय रोग नियंत्रण संस्थान यानी एनसीडीसी दिल्ली सरकार के साथ मिलकर एक सिरोलॉजिकल सर्वे करने जा रहा है.


सिरोलॉजिकल टेस्ट ब्लड टेस्ट होता है, जिसके द्वारा शरीर में एंटीबॉडीज का अध्ययन किया जाता है. शरीर में एंटीबाडी तब बनने शुरू होते हैं जब कोई बाहरी वायरस या बैक्टीरिया शरीर मे प्रवेश करता है. ऐसे संक्रमण से लड़ने के लिए शरीर का रोग प्रतिरोधक तंत्र एंटीबॉडीज बनाता है. यानी कि जिनके भी शरीर में एंटीबॉडीज बन रहे हैं वो संक्रमित हो चुके हैं.


इस सर्वे में एनसीडीसी दिल्ली के सभी 11 जिलों में रैंडम 20000 लोगों के सैंपल लेगी. इस सिरोलोजिकल सर्वे में हर उम्र के व्यक्ति का ब्लड सैम्पल लिया जाएगा. इन 20000 लोगों के ब्लड सैंपल को एनसीडीसी लैब में जांच के लिए भेज जाएगा.


दरअसल यह सर्वे इसलिए किया जा रहा है कि दिल्ली में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जो लोग कोरोना से संक्रमित हुए और उनमें कोरोना के लक्षण हैं, वो तो टेस्ट करा लेते हैं और उचित स्वास्थ्य सेवाओं की मदद से ठीक भी हो जाते हैं, लेकिन NCDC के मुताबिक दिल्ली में बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो कोरोना से संक्रमित हुए और ठीक भी हो गए और उन्हें पता भी नहीं चला कि वो कोरोना से संक्रमित होकर कब ठीक हो गए. क्योंकि बिना लक्षण वाले लोग अपना टेस्ट नही कराते.


इन ब्लड सैंपल को लेने का मकसद यही है कि उन लोगों के बारे में पता लगाया जा सके जो लोग कोरोना से संक्रमित होकर ठीक भी हो गए और उन्हें पता ही नहीं चला कि वो कोरोना संक्रमण का शिकार हुए.


माना जा रहा है कि 20000 ब्लड सैंपल कि जब रिपोर्ट आएगी तो उसके बाद दिल्ली में कोरोना से निपटने के लिए जो मौजूदा स्वास्थ्य सेवाएं हैं उनमें भी बदलाव हो सकता है. एनसीडीसी के सूत्रों के मुताबिक सिरोलॉजिकल सर्वे फिलहाल दिल्ली में किया जा रहा है होगा और 10 जुलाई तक इसे खत्म कर लिया जाएगा. इसके रिजल्ट से दिल्ली में कोरोना कहां-कहां तक और कितने व्यापक स्तर पहुंच चुका है ये समझने में आसानी होगी और इसे रोकने में मदद मिलेगी.


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