Gautam Adani: गौतम अडानी (Gautam Adani) दुनिया के टॉप 20 सबसे अमीर लोगों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं. केवल 10 दिनों में उनका कारोबारी साम्राज्य इस कदर हिला है कि उन्हें भी कुछ समझ नहीं आ रहा है. कुछ समय पहले ही वह ब्लूमबर्ग इंडेक्स (Bloomberg Index) की अरबपतियों की लिस्ट में दूसरे नंबर पर थे, लेकिन अब अडानी ग्रुप को बड़ा झटका लगा है. कंपनी के शेयरों में गिरावट जारी है. चलिए आपको बताते हैं आखिर कैसे अडानी को अचानक से इतना नुकसान झेलना पड़ रहा है.
नुकसान की सबसे बड़ी जड़ है हिंडनबर्ग (Hindenburg) की रिपोर्ट . जी हां, यहीं से ये सारा खेल शुरू हुआ था. इसे लेकर विपक्ष भी लगातार हमलावर है. पूरा मामला समझने के लिए सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि आखिर ये हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का झोल क्या है? क्यों इसे लेकर इतना बवाल मचा हुआ है और इसका असर अडानी के आर्थिक साम्राज्य पर कैसे पड़ा?
क्या है हिंडनबर्ग रिपोर्ट ?
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग ने साल 2020 के बाद से 30 कंपनियों की रिसर्च रिपोर्ट उजागर की थी. रिपोर्ट थी की छह महीने में इन कंपनियों के शेयरों में औसतन 26 प्रतिशत गिरावट दर्ज की थी. सबसे बड़ी बात यह है कि हिंडनबर्ग तब किसी कंपनी को लेकर जांच करती है जब अकाउंटिंग में किसी तरह का घपला हुआ हो, अघोषित लेन-देन हुआ हो या टॉप पर कोई 'अयोग्य' अधिकारी बैठा हो.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में क्या आया?
हिंडनबर्ग रिपोर्ट में अडानी पर कई गंभीर आरोप लगे हैं. धोखाधड़ी वाले लेन-देन से लेकर शेयर की कीमतों में हेर-फेर तक के इन आरोपों ने अडानी की मुश्किल बढ़ा दी है. पिछले 10 दिनों में अडानी ग्रुप को लगभग 10 लाख करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है. अडानी के शेयरों में 60 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की जा चुकी है. अडानी की नेटवर्थ गिरकर 61.3 बिलियन डॉलर पहुंच गई है.
अडानी मामले में केद्र का बयान
हालांकि, इस बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि अडानी ग्रुप के मौजूदा हालात से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. उनका कहना है कि हर बाजार में इस तरह के उतार-चढ़ाव नेचुरल होते हैं. वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष ने इस मामले पर जमकर हंगामा किया. इस मुद्दे को बजट सत्र के दौरान भी उठाया गया था और सरकार से विपक्ष ने मामले में जवाब की मांग की है. वहीं, लोग एलआईसी (LIC) के निवेश को लेकर भी चिंता जता रहे हैं.
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